Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Delhi Crime : Cyber criminals get ransom money from elderly man after hearing fake voice of child through AI tool

सावधान! एआई टूल के जरिये बच्चे की नकली आवाज सुना दादा से फिरौती वसूली, साइबर फ्रॉड का नया तरीका

एआई तकनीक आज दुनियाभर के लिए एक नए खतरे के रूप में उभर रहा है। इसकी मदद से अपराधी अब नए-नए तरीके खोजकर अपराध को अंजाम दे रहे हैं। ऐसा ही एक हैरान करने वाला मामला दिल्ली में सामने आया है।

Praveen Sharma नई दिल्ली। रजनीश कुमार पाण्डेय, Tue, 12 Dec 2023 05:43 AM
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आज दुनियाभर के लिए एक नए खतरे के रूप में उभर रहा है। इसकी मदद से अपराधी अब नए-नए तरीके खोजकर अपराध को अंजाम दे रहे हैं। साइबर ठगों ने भी एआई को ठगी का नया हथियार बना लिया है। राजधानी दिल्ली के यमुना विहार इलाके में एआई टूल के जरिये एक बच्चे की आवाज की क्लोनिंग कर जालसाजों ने 66 वर्षीय बुजुर्ग से फिरौती वसूल ली। इस मामले का पता चलने के बाद दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पुलिस अधिकारी के अनुसार, पीड़ित लक्ष्मी चंद चावला यमुना विहार स्थित सी-1/333 में रहते हैं। 24 अक्टूबर को जालसाजों ने उनसे वॉट्सऐप पर संपर्क किया और उनके चचेरे भाई के बेटे के अपहरण की बात बताई। वॉइस क्लोनिंग की मदद से बुजुर्ग को बच्चे की आवाज भी सुनाई और फिरौती मांगी। आरोपियों ने रकम का भुगतान नहीं करने पर बच्चे को जान से मारने की धमकी दी। बच्चे की आवाज सुनकर बुजुर्ग घबरा गए और जल्दबाजी में आरोपियों को 50 हजार रुपये पेटीएम कर दिए। बाद में बुजुर्ग ने परिवार के अन्य लोगों से फोन पर बात की तो पता चला कि बच्चा पहले से ही घर में है और उसका कोई अपहरण नहीं हुआ। इसके बाद पीड़ित ने जिला साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस मामला दर्ज छानबीन कर रही है।

ये तरीके अपनाते हैं

● इंश्योरेंस एजेंट, डिलीवरी ब्वॉय, क्रेडिट सेवाओं से संबंधित कॉल करके आवाज का नमूना लेते हैं

● पूरी बातचीत को रिकॉर्ड करते हैं

● आवाज के नमूने के आधार पर एआई सॉफ्टवेयर और टूल्स की मदद से उसी आवाज में बात करके ठगी को अंजाम देते हैं

ये सावधानियां बरतें

● मोबाइल में स्पैम कॉल फिल्टर और कॉलर आईडी को चालू रखें

● स्पैम या अंजान मोबाइल नंबर से आए कॉल पर ज्यादा बात न करें

● लोन या थर्ड पार्टी एप्स को बिना आवश्यकता मोबाइल में ऑडियो एक्सेस की अनुमति न दें

● 1930 पर कॉल या वेबसाइट www.cybercrime.gov.in या शिकायत दर्ज कराएं 

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