कंझावला केस में अदालत ने क्यों लगाई पुलिस को तगड़ी फटकार, क्या मामले में हो रही लापरवाही?
Kanjhawala Death Case: दिल्ली की एक अदालत ने कंझावला इलाके में लड़की को कार में 12 किलोमीटर तक घसीटे जाने के मामले में दिल्ली पुलिस को तगड़ी फटकार लगाई है। जानें अदालत ने क्या बातें कही है।
रोहिणी कोर्ट ने कंझावला मामले में आरोपी दीपक खन्ना की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। गौर करने वाली बात यह कि अदालत ने इस केस में टालमटोल और अस्पष्ट जवाब दाखिल करने के लिए दिल्ली पुलिस को तगड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने कहा- ऐसा मालूम पड़ रहा है कि पुलिस के जांच अधिकारी आरोपियों की जमानत याचिका का विरोध नहीं कर रहे हैं। इस केस में जांच एजेंसी का दृष्टिकोण गैर-गंभीर प्रतीत होता है। इसके साथ ही अदालत ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि भविष्य में इस केस से जुड़ी जमानत याचिकाओं पर जवाब संबंधित डीसीपी की निगरानी में ही दाखिल किया जाए।
जांच अधिकारी जमानत अर्जी का विरोध नहीं कर रहा
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील बाला डागर ने कहा- यह उल्लेख करना जरूरी है कि इस जमानत अर्जी पर दिल्ली पुलिस की ओर से जो जवाब दाखिल हुआ है, वह सभी आधारों पर काफी अस्पष्ट और गैर-विशिष्ट है। इस जवाब से तो ऐसा लगता है कि जांच अधिकारी जमानत अर्जी का विरोध नहीं कर रहा है। इसके साथ ही अदालत ने भविष्य की जमानत अर्जियों पर जवाब संबंधित पुलिस उपायुक्त की निगरानी में देने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि किसी भी जांच एजेंसी को इस तरह का गैर-संवेदनशील दृष्टिकोण नहीं रखना चाहिए।
जीपीएस लोकेशन को लेकर कही यह बात
अदालत ने कहा कि यदि भविष्य में इस मामले में कोई आवेदन दिया जाता है, तो पुलिस उपायुक्त व्यक्तिगत रूप से उसकी निगरानी करने के अलावा जवाब दाखिल करने में भी भागीदारी निभाएंगे। अदालत को भेजे जाने वाले किसी भी जवाब को डीसीपी के कार्यालय के माध्यम से भेजा जाना चाहिए। वहीं अदालत ने कहा कि आरोपी दीपक के खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। इसलिए वह जमानत पाने का हकदार नहीं है। अदालत ने कहा कि जांच अभी भी प्रारंभिक चरण में है। कोर्ट ने आगे कहा कि आरोपी की जीपीएस लोकेशन या सीडीआर के संबंध में उसके वकील की दलीलें मानने योग्य नहीं हैं। कोई जरूरी नहीं कि हर समय कोई व्यक्ति अपना मोबाइल फोन अपने साथ रखे।
कार में मौजूद नहीं था आरोपी
दरअसल, आरोपी दीपक खन्ना के वकील ने कहा था कि आरोपी कार में मौजूद नहीं था। घटना के वक्त वह अपने घर पर सो रहा था। दीपक के वकील का कहना था कि वारदात में दीपक की कोई भूमिका नहीं है। दीपक घर पर मौजूद था जिसका पता जीपीएस लोकेशन या सीडीआर से की जा सकती है। घर के सीसीटीवी फुटेज से भी इसकी तस्दीक की जा सकती है। सनद रहे कि दिल्ली पुलिस ने इस केस में हाल ही में हत्या की धारा 302 भी जोड़ी है।
अमित के कार चलाने को लेकर बयान
इस मामले की सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी ने मौखिक रूप से सरकारी वकील के माध्यम से कहा कि साहिल ने अपने बयान में बताया है कि सह-आरोपी अमित वाहन चला रहा था। अदालत के यह पूछे जाने पर कि क्या कथित गवाह साहिल ने उल्लेख किया है कि आरोपी दीपक वाहन में मौजूद था या नहीं, जांच अधिकारी ने कहा कि कथित गवाह साहिल ने अपने बयान में आरोपी दीपक के बारे में कुछ भी नहीं कहा है और इस संबंध में जांच अभी भी चल रही है। इस मामले में सात में से दो आरोपी जमानत पर हैं. अंकुश और आशुतोष को जमानत मिल गई है। दीपक खन्ना, अमित खन्ना, मनोज मित्तल, कृष्ण और मिथुन समेत अन्य आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें 23 जनवरी को कोर्ट में पेश किया जाना है।