जिसकी कार से अंजलि 14 KM घसीटी गई उसे कोर्ट ने नहीं दी जमानत, कंझावला केस में दिल्ली पुलिस से मांगी ये रिपोर्ट
आशुतोष के वकील ने दलील दी कि हादसे के वक्त आशुतोष की गूगल लोकेशन से पता चलता है कि वो वहां नहीं था। वकील ने कहा, आशुतोष के खिलाफ जो धाराएं हैं वो जमानती प्रकृति की हैं।
कंझावला केस में आरोपी आशुतोष भारद्वाज को कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है। आशुतोष वही है जिसकी कार से दिल्ली में 31 दिसंबर की देर रात एक लड़की को करीब 14 किलोमीटर तक घसीटा गया था। कोर्ट ने जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि इस मामले की जांच अभी प्रारंभिक चरण में है। साथ ही जांच एजेंसी अभी आरोपियों की भूमिका का पता लगा रही हैं। इसके लिए आरोपियों की लाइव लोकेशन की जांच की जा रही है।
दिल्ली पुलिस का आरोप है कि आशुतोष ने आरोपियों को बचाने में मदद की। साथ ही जांच को गुमराह करने का मामला भी आशुतोष पर दर्ज किया गया है। आशुतोष को 6 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आशुतोष के वकील शिल्पेश चौधरी ने कहा कि हादसे के वक्त आशुतोष कार में नहीं था बल्कि वो अपने घर पर था। आशुतोष के वकील ने कहा कि ऐसे वीडियो भी हैं जो ये दिखाते हैं कि आशुतोष हादसे के वक्त अपने घर पर ही था।
आशुतोष के वकील ने दलील दी कि हादसे के वक्त आशुतोष की गूगल लोकेशन से पता चलता है कि वो वहां नहीं था। वकील ने कहा, आशुतोष के खिलाफ जो धाराएं हैं वो जमानती प्रकृति की हैं।
वहीं सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है। ये मामला है ही नहीं कि आशुतोष हादसे के वक्त कार में था या नहीं। मामला ये है कि आशुतोष ने अपनी कार उसे चलाने के लिए दी जो गाड़ी चलाने के लिए अधिकृत नहीं था। साथ ही आशुतोष ने इस हादसे की जानकारी पुलिस को नहीं दी। बल्कि उसने पुलिस को गलत सूचना दी कि गाड़ी दीपक चला रहा था। उसने जांच को गुमराह करने की कोशिश की। बता दें कि जांच में ये सामने आया है कि गाड़ी दीपक नहीं बल्कि अमित चला रहा था।
कोर्ट ने वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। आज दो बजे फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने आशुतोष को जमानत देने से इनकार कर दिया। साथ ही कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पीसीआर कॉल का जवाब देने में हुई देरी का कारण बताने के लिए एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
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बता दें कि अंजलि सिंह (20) की स्कूटी को एक कार ने 31 दिसंबर और एक जनवरी की दरमियानी रात को टक्कर मार दी थी, जिसमें वह कार के नीचे फंस गईं और वाहन के साथ सड़क पर करीब 14 किलोमीटर तक घसीटे जाने के कारण उनकी मौत हो गई।
पुलिस ने इस मामले में दो जनवरी को दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) तथा मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था। चार दिन पहले आशुतोष को गिरफ्तार किया गया। सभी आरोपियों को सोमवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।