दिल्ली में मानवता शर्मसार, कैंसर पीड़ित किशोरी को नहीं मिला इलाज; बेड मिलते ही 6 घंटे में मौत
दिल्ली में मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। कैंसर पीड़ित 16 साल की किशोरी इलाज के लिए दर-दर भटकती रही लेकिन उसे कहीं भी बेड नहीं मिला। एम्स में इलाज शुरू होने के 6 घंटे बाद मौत।
दिल्ली में मानवता को तार-तार कर देने वाली घटना सामने आई है। ब्लड कैंसर से जूझ रही 14 वर्षीय किशोरी इलाज के लिए करीब एक सप्ताह से दर-दर भटक रही थी, लेकिन उसे कहीं बेड नहीं मिला। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर सोमवार रात वायरल हुआ तो एम्स ने संज्ञान लिया और उसे मंगलवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे भर्ती कराया, मगर करीब छह घंटे बाद ही किशोरी जिंदगी की जंग हार गई।
किशोरी के परिजनों का कहना है कि समय रहते इलाज मिल जाता तो वह हमें छोड़कर नहीं जाती। दिल्ली के तिमारपुर निवासी मां रजिया अंसारी ने बताया कि बेटी फायजा की चार महीने पहले तबीयत बिगड़ी थी। डॉक्टरों ने बताया कि उसे टीबी है। महरौली टीबी अस्पताल में कई दिन तक उसका इलाज चला, लेकिन राहत नहीं मिली। इसके बाद राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया। डॉक्टर ने हार्ट की बीमारी बताकर सर्जरी की। इसके बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ।
जांच में जानकारी मिली
डॉक्टर ने कैंसर की जांच कराई तो करीब 10 दिन पहले रिपोर्ट आई, इसमें किशोरी को ब्लड कैंसर होने का पता चला। आनन-फानन में परिजन पीड़िता को लेकर दिल्ली कैंसर अस्पताल गए, फिर एम्स पहुंचे, लेकिन वहां बेड खाली न होने की बात कह कर लौटा दिया गया।
सुरक्षाकर्मियों पर दुर्व्यवहार का आरोप
रजिया ने बताया कि इसके बाद फायजा को सफदरजंग अस्पताल ले गए। वहां भी डॉक्टरों ने भर्ती करने के बजाय भगा दिया। रजिया का आरोप है कि एम्स में पहली बार जाने के दौरान सुरक्षा कर्मियों ने भी उनके साथ दुर्व्यवहार किया था। इसके बाद वह दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट गईं, वहां भी इलाज नहीं मिला। आरोप है, वह 28 नवंबर से बेटी के लिए एम्स से लेकर दिल्ली के अलग-अलग सरकारी अस्पताल में भटक रही हैं, लेकिन कहीं भी उसे बिस्तर नहीं मिल सका। जब बिस्तर मिला तो बेटी की इलाज में देरी के कारण मौत हो गई।
वीडियो वायरल होने पर एम्स ने संज्ञान लिया
किसी भी अस्पताल में बच्ची को बेड न मिलने के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। इसकी जानकारी एम्स की प्रोटोकॉल और मीडिया विभाग को लगी। इसके बाद एम्स के वरिष्ठ अधिकारियों ने आनन-फानन में किशोरी के परिजनों को फोन कर अस्पताल बुलाया और मंगलवार सुबह पीड़िता को भर्ती किया, लेकिन भर्ती होने के छह घंटे बाद ही किशोरी की मौत हो गई।
सिसकती मां बोली, समय पर इलाज मिलता तो बच्ची बच जाती
किशोरी की मां राजिया ने रोते बताया कि बेटी अब नहीं रही। हम बार-बार अस्पतालों के चक्कर लगा रहे थे, लेकिन कहीं राहत नहीं मिली। एम्स में जब उसे ले गए तो बताया गया वह बहुत गंभीर है, इसे तुरंत व्यस्कों की इमरजेंसी ले जाओ। वहां से डॉक्टरों ने बेड न होने की बात कहकर लौटा दिया। अगर समय रहते उसका इलाज होता तो आज बेटी जिंदा होती। राजिया बोली, बेटी को इतना दर्द हो रहा था कि वह पूरी रात कराहती रही। जैसा बेटी के साथ हुआ, ऐसा किसी के साथ न हो।