दिल्ली लॉकडाउन : मेट्रो बंद होने के बाद बढ़ा कैब और ऑटो का किराया, लोगों को निजी वाहनों का सहारा
राजधानी दिल्ली में सोमवार से तीसरी बार बढ़ाए गए लॉकडाउन में पाबंदियां भी बढ़ा दी गई हैं। मेट्रो बंद होने से आपात ड्यूटी जैसे स्वास्थ्य, पुलिस सेवा आदि में जुड़े लोगों को निजी वाहन का सहारा लेना पड़ा।...
राजधानी दिल्ली में सोमवार से तीसरी बार बढ़ाए गए लॉकडाउन में पाबंदियां भी बढ़ा दी गई हैं। मेट्रो बंद होने से आपात ड्यूटी जैसे स्वास्थ्य, पुलिस सेवा आदि में जुड़े लोगों को निजी वाहन का सहारा लेना पड़ा। अन्य किसी काम से निकले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा, क्योंकि लॉकडाउन के कारण कैब और ऑटो की संख्या कम है। ऐसे में व्यस्त घंटों में कई रूट पर कैब का किराया सामान्य दिनों के मुकाबले बढ़ा हुआ मिला। वहीं लोग सामाजिक दूरी के नियम ताक पर रखकर ऑटो में सफर करते दिखाई पड़े।
पत्नी को दफ्तर छोड़कर आना पड़ा
दिल्ली मेट्रो के बंद होने की वजह से आकाश को अपनी पत्नी को कड़कड़डूमा स्थित कार्यालय में खुद छोड़कर आना पड़ा। वापसी आने के दौरान पुलिस ने उन्हें चेतावनी देकर छोड़ा। यमुना विहार में रहने वाले आकाश ने बताया कि पहले पत्नी को मौजपुर मेट्रो स्टेशन तक छोड़ देता था, वहां से वह मेट्रो पकड़कर कड़कड़डूमा पहुंच जाती थीं। मेट्रो बंद होने की वजह से पत्नी को दफ्तर छोड़कर वापस लौट रहा था तो रास्ते में पुलिस ने बैरिकेडिंग पर रोक लिया। पहले तो मुझसे घर से बाहर निकलने का कारण पूछा। उन्हें पत्नी को दफ्तर छोड़कर आने की बात बताई तो बड़ी मुश्किल से माने और चेतावनी देकर छोड़ा। ऐसे तो जब तक मेट्रो बंद रहेगी, मुझे परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
दोपहर के समय भी किराया बढ़ा हुआ था
मेट्रो के बंद का असर यात्रियों की जेब पर दिखने लगा है। एप आधारित कैब के साथ ही ऑटो चालकों ने भी किराया बढ़ा दिया है। वहीं बस में संक्रमण के डर से लोग जाने से बच रहे हैं। आनंद विहार बस टर्मिनल से कनॉट प्लेस जाने के लिए पहले व्यस्त घंटों में 160-180 तक में कैब मिल जाती थी, वहीं किराया अब 200 के ऊपर है। यही नहीं, दोपहर तीन बजे नॉन पीक आवर में भी 199 रुपये में कैब बुक हो रही है। टैक्सी प्रीपेड बूथ के पास खड़े ऑटो चालकों ने भी अपना रेट बढ़ा दिया है। एक ऑटो चालक सीताराम ने कहा कि बहुत दिन बाद सवारियां अब आसानी से मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि मेट्रो बंद होने से हमें यात्री मिलने शुरू हो गए हैं। वह मानते है कि कमाई का मौका मिला है तो ऑटो चालक 10-20 रुपये फालतू भी ले रहे हैं। बताते चले कि आनंद विहार टर्मिनल सार्वजनिक परिवहन का हब है। यहां से मेट्रो की पिंक और ब्लू लाइन गुजरती है।
ऑटो में सामाजिक दूरी के नियम टूट रहे
यहां चौराहे पर पुस्ता मार्ग से आ रहे ऑटो में चार-पांच लोग बैठे थे। ऑटो वाले देहात सभापुर जैसे देहात के इलाकों से लोगों को खजूरी चौक तक लेकर आ रहे थे। यह घनी आबादी वाला क्षेत्र है और यहां नौकरीपेशा लोग अधिक रहते हैं। लोग बस के इंतजार में स्टैंड पर खड़े दिखे। बस में केवल 50 फीसदी लोगों को बैठाने की अनुमति है, ऐसे में लोगों का इंतजार लंबा हो रहा था। पहले लोग खजूरी चौक से सवारी ऑटो में नजदीकी कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन जाकर मेट्रो पकड़ लेते थे। लेकिन मेट्रो बंद होने से लोग बस या कैब में सफर करते दिखे। चौक के आसापास कुछ कैब खड़ी थी। आसपास श्रीराम कॉलोनी, राजीव नगर से लोग कैब लेकर जाते दिखाई पड़े।
मेट्रो बंद होने से रिक्शा वाले परेशान
मेट्रो बंद होने से रिक्शा चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दिलशाद गार्डन के विभिन्न पॉकेट और ब्लॉक से रिक्शा से मेट्रो तक सवारी ढोने वाले राम प्रसाद ने बताया कि मेट्रो नहीं चलने से सवारी भी नहीं मिल रही है। काम ठप है। पहले दिन में 10 सवारी भी मिल जाती थी तो 200 का काम हो जाता था और खर्च चल जाता था। लेकिन अब तो दिहाड़ी के लिए सोचना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से आए किराये पर रिक्शा चलाने वाले राम प्रकाश का कहना है कि कई रिक्शा वाले कोरोना बढ़ने पर अपने गांव लौट गए, लेकिन वहां काम नहीं होने के कारण मैं नहीं गया। रोज कुछ न कुछ करके कमा लेता था। अब मुश्किल हो रही है। लॉकडाउन से सवारियां काफी कम मिल रही थी, लेकिन रोज खाने का खर्च और रिक्शा का किराया निकल जाता था। लेकिन मेट्रो बंद से मुश्किल ज्यादा हो रही है।