JN.1 वैरिएंट की दस्तक के बीच, दिल्ली एम्स ने कोविड मरीजों के इलाज के लिए जारी की नई गाइडलाइन
दिल्ली में कोरोना के JN.1 वैरिएंट ने दस्तक दे दी है। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को कोविड-19 के नौ नए मामले सामने आए जबकि एक संक्रमित की मौत हो गई। इस बीच दिल्ली एम्स ने कदम उठान शुरू कर दिए हैं।
दिल्ली में कोरोना के जेएन.1 वैरिएंट का पहला मामला सामने आया है। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में बुधवार को कोविड-19 के नौ नए मामले सामने आए जबकि एक संक्रमित की मौत हो गई। इसके साथ दिल्ली में कोरोना के उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 35 से अधिक हो गई है। इस बीच देश के सबसे प्रसिद्ध अस्पताल दिल्ली एम्स में हलचल बढ़ गई है। राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एम्स दिल्ली में निदेशक की अध्यक्षता में बुधवार को एक बैठक हुई। बैठक के बाद दिल्ली एम्स ने रिपोर्ट किए जाने वाले कोरोना के संदिग्ध मामलों को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए।
इन लक्षणों वाले मरीजों की होगी कोविड जांच
नई गाइडलाइन के मुताबिक, अब सांस के गंभीर लक्षण वाले मरीजों खासकर उन पेशेंट की कोविड जांच कराई जाएगी जो कई दिनों से खांसी बुखार से परेशान हैं। उन मरीजों की कोविड जांच भी होगी जो तीव्र श्वसन संक्रमण से जूझ रहे हैं जिनको बीते 10 दिनों से लगातार बुखार आ रहा है।
कोरोना मरीजों के लिए बेड रिजर्व
नई गाइडलाइन में संस्थान के सभी विभागों को अपने-अपने नामित वार्डों में उन मरीजों के लिए इंतजाम करने को कहा गया है जिनकी कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 मरीजों के लिए सी-6 वार्ड में 12 बेड रिजर्व रखे जाने का फैसला भी लिया गया है।
संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए इमरजेंसी वार्ड में भी ओपीडी
नए दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि इमरजेंसी विभाग में एक स्क्रीनिंग ओपीडी कोविड जैसे लक्षणों वाले मरीजों की जांच करेगी और मेडिकल कंडिशन के आधार पर उनका परीक्षण करेगी।
न्यू प्राइवेट वार्ड में 12 कमरे रिजर्व
इस बैठक में अस्पताल के सभी विभागों के प्रमुख मौजूद रहे। बैठक में कोरोना जांच पर नीति, पॉजिटिव रोगियों और उनके अस्पताल में भर्ती के लिए नामित क्षेत्रों पर चर्चा की गई। इस बैठक में एम्स में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए कई निर्णय लिए गए। इसके तहत कर्मचारी स्वास्थ्य सेवा के तहत आने वाले कर्मचारियों के लिए न्यू प्राइवेट वार्ड में 12 कमरे आरक्षित करने के लिए कहा गया है।
कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए भी बेड रिजर्व
बैठक में फैसला लिया गया कि सांस में संक्रमण वाले मरीजों, बुखार और बुखार के साथ पिछले 10 दिनों तक खांसी के साथ आ रहे मरीजों की कोरोना जांच भी कराई जाएगी। अभी एक दिन पहले ही दिल्ली एम्स के प्रशासन ने एहतियात के तौर पर हर वार्ड में दो बिस्तर गंभीर कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करने के निर्देश दिए थे। इस संबंध में एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर संजीव ललवानी ने आदेश जारी करते हुए कहा था कि एम्स की इमरजेंसी में कोरोना के संदिग्ध मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी को देखते हुए वार्ड संख्या सी 6 में कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए बिस्तर आरक्षित करने का निर्णय लिया गया है।
दो पालियों में छुट्टी पर रहेंगे एम्स के वरिष्ठ डॉक्टर
एम्स के फैकल्टी यानी वरिष्ठ डॉक्टरों का शीतकालीन अवकाश शुरू हो चुका है। इस वजह से 10 जनवरी तक दो चरण में एम्स में 50-50 प्रतिशत फैकल्टी अवकाश पर रहेंगे। पहले चरण में शनिवार से करीब 50 प्रतिशत फैकल्टी नौ दिन के लिए अवकाश पर चले गए हैं। इसके बाद दो से 10 जनवरी तक डॉक्टर अवकाश पर रहेंगे। इस दौरान मरीजों के इलाज की ज्यादा जिम्मेदारी रेजिडेंट डॉक्टरों के हवाले रहेगी। एम्स की ओर से जारी आदेश के अनुसार, 23 दिसंबर से 10 जनवरी तक दो चरणों में 50-50 प्रतिशत डॉक्टर अवकाश पर रहेंगे। पहले चरण में 23 से 31 दिसंबर तक करीब 50 प्रतिशत डॉक्टरों का अवकाश पर हैं।