20 साल बाद जिंदा हुआ कातिल, जलाकर मारने वाले ने इंडियन नेवी को भी लगाया चूना; हैरान कर देने वाली कहानी
स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस (क्राइम)रविंद्र यादव के मुताबिक बलेश ट्रांसपोर्ट बिनजेस में था और फिर वो एक ट्रक में बैठ राजस्थान भाग गया। यहां उसने अपनी ट्रक में आग लगा दी और दो कर्मचारियों को जला दिया।
यह शख्स 20 साल तक सबकी नजरों में मरा रहा। अब अचानक दिल्ली पुलिस ने इस शख्स को गिरफ्तार कर लिया है। हैरान कर देने वाला यह मामला ट्रिपल मर्डर से जुड़ा है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 60 साल के एक शख्स को गिरफ्तार किया है। आरोपी शख्स नेवी से रिटायर है। आरोप है कि उसने अपने एक रिश्तेदार की हत्या कर दी और दो मजदूरों को जिंदा जला दिया। पुलिस ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि बलेश कुमार को दिल्ली के नजफगढ़ इलाके के एक घर से गिरफ्तार किया गया है। बलेश कुमार यहां अपने परिवार के साथ रहता था और उसने अपना नाम बदलकर अमन सिंह रख लिया था।
पुलिस ने बताया कि बलेश तीन हत्याओं का आरोपी है। पुलिस के मुताबिक जब बलेश 40 साल का था तब उसने अपने एक रिश्तेदार राजेश उर्फ खुशीराम को मार डाला। साल 2004 में दिल्ली के बवाना इलाके में यह हत्या पैसों के विवाद में की गई थी। यह भी आरोप है कि राजेश की पत्नी के साथ उसके अवैध संबंध थे। साल 2004 में पुलिस ने बलेश के भाई सुंदर लाल को गिरफ्तार कर लिया था। सुंदर लाल भी राजेश की हत्या में शामिल था। हालांकि, उस वक्त बलेश पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो गया था।
स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस (क्राइम) रविंद्र यादव के मुताबिक बलेश ट्रांसपोर्ट बिनजेस में था और फिर वो एक ट्रक में बैठ राजस्थान भाग गया। यहां उसने अपनी ट्रक में आग लगा दी और साथ ही साथ अपने दो कर्मचारियों को भी उसने जला कर मार डाला। राजस्थान पुलिस ने अपनी जांच में जल कर मरे एक शख्स की पहचान बलेश के तौर पर की और दूसरी डेड बॉडी को अज्ञात माना गया। बलेश के घरवालों ने भी एक शव की पहचान बलेश के तौर पर ही की थी। इसके बाद राजस्थान पुलिस ने इन दोनों मौतों को संदिग्ध मान कर केस बंद कर दिया।
नौसेना को भी दिया धोखा
डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस, क्राइम, अंकित कुमार ने कहा, 'अपनी मौत को लेकर धोखा देने के बाद बलेश पंजाब भाग गया। यहां उसने अपने परिवार वालों की मदद से फर्जी पहचान पत्र बनवा लिया। यहां उसने अपना नाम अमन सिंह रख लिया। वो लगातार अपनी पत्नी के संपर्क में था और उसने भारतीय नौसेना से अपने इंश्योरेंस क्लेम और पेंशन के पैसे भी ले लिए। जिस ट्रक को उसने जला दिया वो ट्रक उसके भाई महिंदर सिंह के नाम पर रजिस्टर था। उसने इस ट्रक के इंश्योरेंस क्लेम की रकम भी अपनी पत्नी के बैंक खाते में हासिल कर ली।'
इसके बाद बलेश दिल्ली के नजफगढ़ में अपने परिवार के साथ आ गया और वो यहां उनलोगों के साथ रहने भी लगा। पुलिस अधिकारी ने कहा, 'एक गुप्त सूचना के आधार पर हमने सोमवार को उसे उसके घर से दबोचने में कामयाबी हासिल कर ली। उसने अपने एक रिश्तेदार और बिहार के दो श्रमिकों की हत्या की बात कबूल कर ली है।'
कौन है बलेश...
दिल्ली पुलिस ने राजस्थान में जोधपुर पुलिस को बलेश की गिरफ्तारी के बारे में बताया और यह भी कहा कि जले हुए ट्रक वाले केस को फिर से खोला जाए। दिल्ली पुलिस ने यह भी दावा किया है कि दिल्ली के कोटा हाउस से बलेश ने साल 2000 में कीमती सामानों की चोरी भी की थी। इस मामले में उसपर तिलक मार्ग पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ था।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस पूरे अपराध में बलेश के अलावा उसके परिवार वालों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। जांच के बाद जरूरत पड़ी तो उनपर भी कार्रवाई होगी। बलेश के बारे में बताया जा रहा है कि वो हरियाणा के पानीपत का रहने वाला है। उसने 8वीं क्लास तक पढ़ाई की। उसने साल 1981 में भारतीय नौसेना में बतौर Steward ज्वाइन किया। यहां वो साल 1996 तक रहा। रिटायर होने के बाद उसने दिल्ली के उत्तम नगर में किराये पर मकान लिया। जिस वक्त उसे गिरफ्तार किया गया उस वक्त बलेश नजफगढ़ में बतौर प्रॉपर्टी डीलर का काम कर रहा था।