DDA के तीन जोन का इंफ्रा-मास्टर प्लान तैयार, दिल्ली देहात की होगी बल्ले-बल्ले
दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने लैंड पूलिंग नीति के तहत तीन जोन की योजना तैयार की है। इसके तहत हर सेक्टर में ग्रामीण क्षेत्रों के जमीन मालिक और निजी बिल्डर मिलकर संघ बनाएंगे।
लैंड पूलिंग नीति के तहत दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने तीन जोन का इंफ्रा-मास्टर प्लान तैयार किया है। इससे अब जोन में आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के विकास कार्यों में तेजी आएगी। डीडीए के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लैंड पूलिंग नीति में डीडीए ने छह जोन बनाए हैं। प्लान के तहत पी-1, पी-2 और एन जोन में सीवर नेटवर्क, पानी की व्यवस्था और ठोस कचरा प्रबंधन प्रणाली के निर्माण से जुड़ा डिजाइन तैयार किया गया है। तीनों जोन की आधारभूत संरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) के मास्टर प्लान बनने से नीति को गति मिलेगी। साथ ही सभी जोन में संघ (कंसोर्टियम) के गठन की प्रक्रिया में भी तेजी आएगी।
अधिकारी ने बताया कि लैंडपूलिंग नीति के लिए संघ का गठित होना जरूरी है। जोन के हर सेक्टर में ग्रामीण क्षेत्रों के जमीन मालिक और निजी बिल्डर मिलकर संघ बनाएंगे। यह संघ ही डीडीए के साथ कानूनी रूप से सेक्टरों को विकसित करने के लिए योजना बनाएगा। पी-1, पी-2, एन, के-1, एल और जे जोन में कुल 138 सेक्टर बनाए गए हैं।
इनमें छह माह के अंदर संघ को गठित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक चार जोन के 16 सेक्टरों में संघ के गठित होने की प्रक्रिया जारी है। पी-1 के 7 सेक्टरों में, पी-2 के 8 सेक्टरों में, एन जोन के 1 सेक्टर में और एल के एक सेक्टर में अगले एक से दो माह में संघ के पूरी तरह से गठित होने की उम्मीद है।
एक माह में रजिस्ट्रेशन शुरू
जोन के सेक्टरों में संघ के गठित करने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू किया जा रहा है। संघ को गठित करने के लिए हितधारकों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। एक माह में डीडीए की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएगा। दिल्ली में डीडीए के सभी जोनल कार्यालयों में अधिकारियों के साथ मिलकर संघ से जुड़े प्रतिनिधि बातचीत करेंगे। डीडीए ने 20 अधिकारियों को सभी जोन में तैनात किया है।
यहां के लिए प्लान बना
नरेला के मौजूदा विकसित इलाके से बाहर की जगह को पी-1 जोन में निर्धारित किया है। इस क्षेत्र को नरेला सब-सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। वहीं, पी-2 जोन को उत्तरी दिल्ली में बनाया गया है। यह जोन बख्तावरपुर गांव से आगे जाकर तिग्गीपुर और आसपास के क्षेत्र में निर्धारित किया गया है।
योजना को लागू करने में सहायक है संघ का गठन
डीडीए के अधिकारियों के अनुसार लैंडपूलिंग पॉलिसी को लागू करने के लिए संघ का गठन होना बेहद आवश्यक है। पॉलिसी के निर्धारित किए गए प्रत्येक जोन के अधीन आने वाले सेक्टरों के लिए एक-एक संघ का गठन होगा। यह संघ (कंसोर्टियम) डीडीए की निगरानी में सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) मॉडल के अनुरूप उस जोन को विकसित करेगा।