तीसरी लहर की तैयारी शुरू: बेड और ऑक्सीजन प्लांट हो रहे तैयार, बच्चों के लिए बन रहे पीकू वार्ड
कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए शासन ने सीएमओ को आदेश जारी कर दिए हैं। अस्पताल में बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन प्लांट समेत सभी सुविधाओं को जल्द से जल्द तैयार करने को कहा है। सीएमओ ने जिले में स्थापित...
कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए शासन ने सीएमओ को आदेश जारी कर दिए हैं। अस्पताल में बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन प्लांट समेत सभी सुविधाओं को जल्द से जल्द तैयार करने को कहा है। सीएमओ ने जिले में स्थापित हो रहे बेड, ऑक्सीजन प्लांट व अन्य सुविधाओं की समीक्षा तेज कर दी है।
सीएमओ ने अस्पतालों में पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) सेंटर व हर सीएचसी में बिस्तर रिजर्व कर दिए हैं। शासन ने 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए आयु के हिसाब से मेडिकल किट (दवाईयां) उपलब्धता के आदेश दिए हैं।
सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी ने बताया कि तीसरी लहर से पहले अस्पताल में प्ले क्लास की तर्ज पर 30 बिस्तरों का पीकू वार्ड तैयार है। बच्चों के मनोरंजन और सकारात्मक भाव लाने के लिए वार्ड में दीवारों पर पेंटिंग कराई गई है, यहां ऑक्सीजन, एचएनएफसी व वेंटिलेटर समेत तमाम सुविधाएं मौजूद है।
बिना लक्षण वाले बच्चों के लिए 75 बिस्तर का वार्ड तैयार है। अस्पताल में दो आक्सीजन प्लांट स्थापित हो चुके हैं, जबकि तीसरे की प्रक्रिया चल रही है। वार्ड में बिस्तरों के हिसाब से डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टाफ की तैनाती की जाएगी। समस्त छह सीएचसी पर भी ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
संसाधनों की कमी दूर करने के लिए खरीदारी की जा रही है। शासन से आदेश प्राप्त हुए है कि तीसरी लहर से पहले दवाईयों की कमी को भी पूरा कर लिया जाए। 18 वर्ष के बच्चों के लिए आयु के हिसाब से दवाईयां समस्त सीएचसी केंद्रों व अस्पतालों में पहुंचाई जाएगी। सेक्टर-30 चाइल्ड पीजीआई अस्पताल पूरी तरह से बच्चों के लिए समर्पित रहेगा। यहां ऑक्सीजन प्लांट संचालित हो चुका है, इसके अलावा बाल रोग विशेषज्ञ की टीम भी है। अस्पताल के स्टाफ को भी पीडियाट्रिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
4 सरकारी अस्पताल में प्लांट स्थापित
जिले में ऑक्सीजन संकट दूर करने के लिए चार सरकारी अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगा दिए गए हैं। इनमें से दो नोएडा कोविड अस्पताल व एक-एक प्लांट चाइल्ड पीजीआई व जिम्स में है। सीएचसी पर कंसंट्रेटर मशीनों की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा जिले में 50 मीट्रिक टन क्षमता का निजी ऑक्सीजन प्लांट भी है। शेष अस्पतालों में प्लांट लगाने की जमीनी कसरत तेज कर दी गई है।