जेल में भी चल सकता है धर्मांतरण का 'खेल', खुफिया विभाग का इनपुट; आरोपियों की हर गतिविधि पर नजर
गेमिंग ऐप के जरिये नाबालिगों का धर्मांतरण कराने वाले और धर्मांतरण कराकर जेहादी बनाने वाले गिरोह के सदस्य जेल में बंद हैं। दोनों गिरोह के पांच आरोपी जेल में भी अपना मिशन को जारी रख सकते हैं।
गेमिंग ऐप के जरिये नाबालिगों का धर्मांतरण कराने वाले आरोपी और धर्मांतरण कराकर जेहादी बनाने वाले गिरोह के गिरफ्तार सदस्य जेल में बंद हैं। दोनों गिरोह के पांच आरोपी जेल में भी अपने मिशन को जारी रख सकते हैं। खुफिया विभाग से इनपुट मिलने के बाद जेल में पांचों आरोपियों को अन्य बंदियों से अलग रखते हुए उनकी निगरानी बढ़ा दी गई है। उनकी हरकत पर नजर है।
जेल प्रशासन का कहना है कि आरोपियों की निगरानी के लिए बंदी रक्षकों की तैनाती कर दी गई है। उनकी गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है। कविनगर पुलिस ने गेमिंग ऐप के जरिये नाबालिगों का धर्मांतरण कराने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए संजय नगर सेक्टर-23 स्थित धार्मिक स्थल की प्रबंधन कमेटी के पूर्व सदस्य अब्दुल रहमान को जेल भेजा था। अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद गिरोह के सरगना महाराष्ट्र के मुंब्रा निवासी शाहनवाज मकसूद खान उर्फ बद्दो को भी गिरफ्तार किया था।
जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने कहा, 'धर्मांतरण गिरोह के पांचों आरोपियों को अन्य बंदियों से अलग रखा गया है। अब्दुल रहमान के जेल की सेकेंड सर्किल में रखा गया है, जबकि शाहनवाज उर्फ बद्दो को आइसोलेश में अकेला रखा गया है। खोड़ा पुलिस द्वारा जेल भेजे गए तीन आरोपियों को क्वारंटाइन बैरक में अलग-अलग रखा गया है। सभी की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।'
पाकिस्तानी कनेक्शन की बात कबूल की थी
बद्दो का ने रिमांड पर पूछताछ के दौरान पाकिस्तानी कनेक्शन और नाबालिगों का धर्मांतरण कराने की बात कबूली थी। दोनों आरोपी फिलहाल डासना स्थित जिला कारागार में बंद हैं। वहीं, तीन दिन पहले खोड़ा पुलिस ने धर्मांतरण कराकर जिहादी बनाने वाले गैंग के तीन आरोपियों राहुल अग्रवाल उर्फ राहिल, सौरभ खुराना उर्फ अब्दुल्ला अहमद तथा मोहम्मद मुशीर को जेल भेजा था।
खुफिया इनपुट के मुताबिक धर्मांतरण कराने वाले दो गैंग के पांच आरोपी जेल के बंदियों में भी मिशन धर्मांतरण की साजिश रच सकते हैं। जेल में रहकर भी अपनी मुहिम को जारी रख सकते हैं। ऐसे में सभी पांचों आरोपियों को जेल प्रशासन ने सभी को अलग-अलग रखा है। आरोपियों की पूरी दिनचर्या पर नजर रखी जा रही है, जिससे उनके मंसूबे कामयाब न हों।
मेलजोल बढ़ा रहा था राहिल
खोड़ा की युवती का धर्मांतरण कराने के मामले में गाजियाबाद पुलिस द्वारा दबोचा गया दिल्ली का राहिल कंपनी की 20 से अधिक युवतियों के संपर्क में था। कंपनी के बाहर की भी कई युवतियों से उसकी नजदीकियां थीं तो अक्सर प्रवेश द्वार के बाहर उससे मिलने आती थीं। खोड़ा की युवती सेक्टर-58 थानाक्षेत्र स्थित एक कंपनी में काम करती थी।
सिक्योरिटी गार्ड सहित अन्य लोगों से जानकारी करने पर पता चला कि राहिल ऑफिस टाइम में जब भी बाहर आता था आता था तो बाहर कोई न कोई लड़की उसका इंतजार करती रहती थी। उसके कुछ साथी भी युवतियों संग अक्सर उससे मिलने आते थे। जो युवतियां कंपनी परिसर के बाहर उससे मिलने आती थी वह किसी अन्य कंपनी में काम करने वाली होती थीं। कई इसमें शादीशुदा भी थीं। शनिवार को रविवार को जब ऑफिस बंद होता था तब भी राहिल का आना-जाना था। फ्रॉड के एक मामले में राहिल की संलिप्तता पाए जाने पर कुछ समय पहले कंपनी ने उसे बाहर कर दिया था।
अब्दुल रहमान की जमानत अर्जी पर सुनवाई टली
अब्दुल रहमान ने कोर्ट में जमानत अर्जी लगाई थी, जिस पर सोमवार को सुनवाई होनी थी। लेकिन, वरिष्ठ अधिवक्ता के देहांत के चलते वकील कार्य से विरत रहे, जिसके चलते सुनवाई टल गई। कोर्ट ने जमानत अर्जी पर सुनवाई की अगली तारीख 13 जुलाई निर्धारित की है। वहीं, पुलिस ने अब्दुल रहमान पर एनएसए की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। जल्द एनएसए लगाया जाएगा। शाहनवाज और बद्दो द्वारा जमानत अर्जी लगाने के बाद उस पर भी एनएसए की कार्रवाई की जाएगी।
कट्टर और मास्टरमाइंड हैं पांचों आरोपी
कविनगर पुलिस द्वारा जेल भेजा गया शाहनवाज उर्फ बद्दो गेमिंग के जरिए नाबालिगों का ब्रेनवॉश कर उनका धर्मांतरण करा रहा था। वहीं, अब्दुल रहमान संजयनगर स्थित धार्मिक स्थल में नाबालिग छात्र को अपने धर्म का ज्ञान और रीति-रिवाज सिखा रहा था। इसके अलावा खोड़ा पुलिस द्वारा जेल भेजा गया अब्दुल अहमद कट्टरपंथी विचारधारा का डेंटिस्ट है। वह क्लीनिक की आड़ में युवकों का धर्मांतरण कराता था और धर्मांतरण कर चुके लोगों पर नजर रखता था।
राहुल अग्रवाल उर्फ राहिल धर्म हिंदू युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर धर्मांतरण कराता था तो सौरभ खुराना से अब्दुल अहमद बने आरोपी का मकसद ही सिर्फ लोगों का धर्मांतरण कराना है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि पांचों आरोपी जेल में रहकर भी धर्मांतरण का मिशन जारी रख सकते हैं।