सत्येंद्र जैन पर जेल में वसूली के आरोपों की जांच करना चाहती है CBI, दिल्ली के LG से मांगी मंजूरी
सीबीआई ने तिहाड़ जेल में बंद शातिर कॉनमैन सुकेश चंद्रशेखर द्वारा दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन के खिलाफ जबरन वसूली के आरोपों की जांच के लिए दिल्ली के एलजी से मंजूरी मांगी है।
दिल्ली के पूर्व जेल मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। सीबीआई ने ठग सुकेश चंद्रशेखर समेत कई हाई प्रोफाइल कैदियों को जेल में आराम से रहने के लिए कथित तौर पर सत्येंद्र जैन द्वारा करोड़ों रुपये की वसूली के मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल से मंजूरी मांगी है। सुकेश चंद्रशेखर मनी लॉन्ड्रिंग और कई लोगों से धोखाधड़ी करने के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद है।
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली एलजी ऑफिस को दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ जबरन वसूली के आरोपों की जांच की मंजूरी के लिए सीबीआई से अनुरोध प्राप्त हुआ है। पूर्व मंत्री ने कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी सुकेश चंद्रशेखर सहित विभिन्न कैदियों से प्रोटेक्शन मनी ली थी।
सत्येंद्र जैन के खिलाफ जांच आगे बढ़ाने के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना से अनिवार्य मंजूरी मांगते हुए सीबीआई ने आरोप लगाया है कि तत्कालीन डीजी जेल संदीप गोयल और तत्कालीन एडीजी जेल मुकेश प्रसाद, संबद्ध अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और सहयोगियों की मिलीभगत से दिल्ली की जेलों में उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार और वसूली रैकेट चलाया जा रहा था।
सीबीआई ने सक्सेना को लिखे अपने पत्र में कहा कि इन लोगों ने इसके लिए एक 'सिंडिकेट' के रूप में काम किया। इसमें कहा गया है कि उसके पास सूत्रों से मिली जानकारी है कि जैन ने जेल में बंद चंद्रशेखर से 2018-21 के दौरान विभिन्न किस्तों में खुद या अपने साथियों के माध्यम से प्रोटेक्शन मनी के रूप में 10 करोड़ रुपये की कथित तौर पर उगाही की ताकि कथित ठग को शांतिपूर्ण और आरामदायक जीवन जीने में मदद मिल सके।
इसमें आरोप लगाया गया है, ''गोयल और मुकेश प्रसाद ने जेल के कैदी सुकेश चंद्रशेखर से भी 12.50 करोड़ रुपये की उगाही की। यह रकम उनके द्वारा 2019-22 के दौरान विभिन्न किश्तों में या तो स्वयं या अपने सहयोगियों के माध्यम से प्रोटेक्शन मनी के रूप में प्राप्त की गई थी, ताकि कैदी सुकेश चंद्रशेखर जेल में शांति और आराम से रह सके।''
एजेंसी ने आरोप लगाया कि गोयल और प्रसाद ने जेल में बंद अन्य हाई प्रोफाइल कैदियों से भी प्रोटेक्शन मनी के रूप में जबरन वसूली की, ताकि वे जेल में सुरक्षित और आराम से रह सकें। सीबीआई ने आरोप लगाया कि तिहाड़ के सेंट्रल जेल-4 के तत्कालीन जेल अधीक्षक राज कुमार, गोयल के करीबी सहयोगी थे और उन्होंने चंद्रशेखर से पैसे वसूलने में उनकी सहायता की। एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया कि जैन, गोयल, प्रसाद और कुमार ने लोक सेवकों के रूप में "अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग किया और कैदियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। आप नेता जैन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की जेल में बंद हैं।