कार चोरी मामला : विजिलेंस की क्लीनचिट को दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने नकारा, इन अफसरों की दोबारा होगी जांच
कुछ समय पहले विजिलेंस रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर को सौंपी गई थी। पुलिस कमिश्नर ने इसे अस्वीकार कर दिया। उन्होंने रिपोर्ट में कुछ बिंदुओं का भी जिक्र किया है, जिसे ध्यान में रखते हुए दोबारा जांच की जानी है।
गाड़ी चोरी के मामले में अरुणाचल प्रदेश जाकर उगाही करने के आरोप झेल रहे पुलिस कर्मियों को विजिलेंस जांच में क्लीनचिट दे दी गई। महज तीन दिन के लिए अधिकारी ने अरुणाचल जाकर छानबीन की और पुलिस कर्मियों पर लगे आरोपों की पुष्टि नहीं होने की बात रिपोर्ट में लिख दी।
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने इस जांच रिपोर्ट को स्वीकार करने से इनकार करते हुए दोबारा इसकी जांच करने के निर्देश दिए हैं। इस बात की भी जांच हो रही है कि किसी अधिकारी के दबाव में उन्हें क्लीनचिट तो नहीं दी गई।
वाहन चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था : जानकारी के अनुसार, जुलाई 2023 में मध्य जिला पुलिस ने वाहन चोरी करने वाले बड़े गैंग का पर्दाफाश किया था। गाड़ियों की बरामदगी के लिए यह टीम अरुणाचल प्रदेश गई थी। आरोप है कि वहां पुलिस टीम ने चोरी की गाड़ियां इस्तेमाल कर रहे लोगों से लाखों रुपये वसूले। इसकी शिकायत स्थानीय लोगों की तरफ से अरुणाचल पुलिस से की गई थी। वहां से पूरे मामले की शिकायत दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा को भेजी गई। इसके साथ ही सीसीटीवी फुटेज भी उन्हें भेजी गई।
तीन दिन लौट आई थी टीम : इस मामले में अरुणाचल पुलिस ने अपने दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। वहीं, तत्कालीन मध्य जिला डीसीपी संजय सेन ने इंस्पेक्टर गिरीश जैन, एसआई अखिल और एएसआई राकेश को सस्पेंड किया था।
इस मामले में पुलिस कमिश्ननर संजय अरोड़ा ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे। एसीपी स्तर के अधिकारी द्वारा यह जांच की जा रही थी। इस मामले की जांच के लिए विजिलेंस टीम अरुणाचल प्रदेश गई और वहां से तीन दिन के भीतर लौट आई। सूत्रों ने बताया कि वहां उन लोगों के बयान भी नहीं लिए गए, जो मुख्य शिकायतकर्ता हैं।
अधिकारी की देखरेख में फिर जांच होगी
कुछ समय पहले यह विजिलेंस जांच रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर को सौंपी गई थी। पुलिस कमिश्नर ने इसे अस्वीकार कर दिया। उन्होंने रिपोर्ट में कुछ बिंदुओं का भी जिक्र किया है, जिसे ध्यान में रखते हुए दोबारा जांच की जानी है। वरिष्ठ अधिकारी की देखरेख में अब दोबारा इस मामले की जांच होगी। इसके लिए जल्द दूसरी टीम को अरुणाचल प्रदेश भेजा जाएगा।