सेब की तुलना संतरे से नहीं की जा सकती, जेएनयू की प्रकृति अलग है; NIRF रैंकिंग में पिछड़ने पर बोलीं कुलपति
एनआईआरएफ रैंकिंग की बात करें तो 'विश्वविद्यालयों' श्रेणी में भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बेंगलुरु ने शीर्ष स्थान हासिल किया, उसके बाद जेएनयू दूसरे और जामिया मिलिया इस्लामिया तीसरे स्थान पर रहा।
राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग ढांचा (एनआईआरएफ) में भारतीय विज्ञान संस्थान के हाथों पहला स्थान गंवाने वाले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने कहा कि जेएनयू की प्रकृति अलग है और उसके समक्ष मौजूद चुनौतियां भी भिन्न हैं, लिहाजा आईआईएससी जैसे संस्थानों से उसकी तुलना नहीं की जा सकती।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को राष्ट्रीय संस्थान रैंकिंग का सातवां संस्करण जारी किया था। विश्वविद्यालयों की श्रेणी में बेंगलुरु में स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) पहले स्थान पर रहा, जबकि जेएनयू ने दूसरा और जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने तीसरा स्थान हासिल किया।
पंडित ने कहा कि हम बहुत खुश हैं। आईआईएससी, जेएनयू जैसा विश्वविद्यालय नहीं है। यह एक शोध-आधारित संस्थान है, और जेएनयू व आईआईएससी को एक साथ रखकर सेब की तुलना संतरे से करने जैसा है। वैसे भी, मैं अपने सभी संकाय, छात्रों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को धन्यवाद देती हूं। यह एक सामूहिक प्रयास है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपनी समावेशिता को बनाए रखते हुए नवाचार के विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है।
पंडित ने कहा कि उनके साथ वे समस्याएं नहीं हैं जो हमारे साथ हैं। मुझे प्रतिभा और विविधता के कारण जेएनयू पसंद है। बुकर पुरस्कार से सम्मानित एक लेखक भी यहां से पढ़ चुकी हैं। एक भिखारी बच्चे ने भी यहां से पढ़ाई करके अमेरिका में छात्रवृत्ति हासिल की है।
कुलपति ने कहा कि मुझे लगता है कि किसी अन्य संस्थान में इस तरह की विविधता नहीं है। मेरा मानना है कि एकल विषय वाले संस्थानों को विश्वविद्यालयों के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए क्योंकि हमारे पास कई पाठ्यक्रम हैं और हम राजनीतिक रूप से भी बहुत सक्रिय हैं।