गाजियाबाद में अब प्रॉपर्टी खरीदना होगा और महंगा, सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी शुरू
गाजियाबाद में प्रॉपर्टी खरीदना और महंगा होने जा रहा है। जिले में डीएम सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस संबंध में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व और सहायक महानिरीक्षक निबंधन की बैठक हुई।
गाजियाबाद में अब प्रॉपर्टी खरीदना और महंगा होने जा रहा है। जिले में डीएम सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस संबंध में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व और सहायक महानिरीक्षक निबंधन की बैठक हुई। इसमें सर्किल रेट बढ़ाने से पहले सभी तैयारी करने के निर्देश दिए।
उन्होंने सभी उप निबंधक से संबंधित एसडीएम और तहसीलदार से वार्ता कर नए प्रस्तावित सर्किल रेट का प्रस्ताव 15 जुलाई तक देने के लिए कहा है। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व सौरभ भट्ट ने सभी सब रजिस्ट्रार को निर्देश दिए कि जिस क्षेत्र में बाजार दर सर्किल रेट से अधिक हैं उनकी जांच संबंधित एसडीएम और तहसीलदार से वार्ता कर वृद्धि प्रस्ताव दिया जाए। सर्किल रेट में सेगमेंट का फिर से परीक्षण किया जाए। यदि किसी नए सेगमेंट की आवश्यकता है तो उसे प्रस्ताव में शामिल किया जाए। ऐसे क्षेत्र मुख्य मार्ग जिनमें व्यवसायिक गतिविधियों का विस्तार हो रहा है उनमें नए सेगमेंट का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए।
खाली पड़े बड़े भूखंडों को छोटा कर बेचने की तैयारी
वहीं, दूसरी ओर गाजियाबाद में जीडीए की जिन योजनाएं में बड़े प्लॉट खाली पड़े हैं, उन्हें छोटा कर बेचा जाएगा। इसके लिए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ऐसे प्लॉटों की सूची तैयार कर रहा है, ताकि उन्हें बेचने की योजना तैयार हो सके।
जीडीए की विभिन्न योजनाओं में दो हजार वर्ग मीटर से बड़े और छोटे प्लॉट खाली पड़े हैं। बड़े प्लॉटों में ग्रुप हाउसिंग से लेकर व्यवसायिक समेत अन्य लैंड यूज वाले प्लॉट मौजूद हैं। यह प्लॉट करीब दस साल से नहीं बिक सके हैं। अब प्राधिकरण इन प्लॉटों को बेचने के लिए सूची तैयार करेगा, ताकि इनका लैंड यूज देखा जा सके।
जरूरत पड़ने पर लैंड यूज भी परिवर्तित किया जाएगा : खाली पड़े प्लॉटों के लैंड यूज के आधार पर इन्हें छोटा करने की योजना बनेगी। जरूरत पड़ी तो इनके लैंड यूज भी में बदलाव किया जा सकता है। जीडीए के अपर सचिव बताते हैं कि प्राधिकरण की संपत्ति खरीदने में लोग रुची दिखा रहे हैं। ऐसे में इन प्लॉटों को भी बेचने की योजना बनाई जा रही है। इससे खाली पड़े प्लॉटों पर लोगों को कब्जा मिलेगा। इसके साथ ही राजस्व की प्राप्ति भी होगी।