गाजियाबाद में मकान-दुकान खरीदना होगा महंगा, सर्किल रेट बढ़ाने के लिए इन 5 बिंदुओं पर सर्वे शुरू
दिल्ली से सटे गाजियाबाद में जमीन खरीदना और महंगा हो जाएगा। शहर की सीमा से लगे गांव और मुख्य मार्गों के दोनों जमीन के सर्किल रेट बढ़ाए जाएंगे। राजस्व विभाग की टीम ने इसके लिए सर्वे शुरू कर दिया है।
दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जनपद में जमीन खरीदना और महंगा हो जाएगा। शहर की सीमा से लगे गांव और मुख्य मार्गों के दोनों जमीन के सर्किल रेट बढ़ाए जाएंगे। इसके लिए एसडीएम, तहसीलदार और राजस्व विभाग की टीम ने सर्वे शुरू कर दिया है। 15 जुलाई तक सर्वे पूरा कर सर्किल रेट की दर बढ़ाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
शहर के लगातार हो रहे विस्तार के साथ-साथ जमीन के दाम भी आसमान छू रहे हैं। पूरे जनपद में सर्किल रेट और बाजार भाव में कई गुना का अंतर है। लोग जमीन खरीदते समय स्टांप शुल्क सर्किल रेट के अनुसार देते हैं, लेकिन असल में जमीन कई गुना पैसे में खरीदते हैं। इसका बड़ा कारण पिछले कई सालों से सर्किल रेट में बढ़ोतरी न होना बताया गया है।
इस संबंध में पिछले दिनों अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व और सहायक महानिरीक्षक निबंधन की बैठक हुई। जिसमें इस मुद्दे को उठाया गया। इस दौरान सामने आया कि शहर से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है। लोग कृषि भूमि के सर्किल रेट पर जमीन के बैनामे करा रहे हैं और जमीन की खरीद बाजार भाव पर कर रहे हैं। इससे सीधे तौर पर राजस्व हानि हो रही है। इसके देखते हुए तय किया गया कि पूरे जनपद में सर्किल रेट बढ़ाने के लिए सर्वे किया जाय। इसके लिए उपजिलाधिकारी, तहसीलदार और राजस्व विभाग की टीम को निर्देश दिए। आदेश के बाद टीम ने जनपद के अलग-अलग क्षेत्र में सर्वे शुरू कर दिया है। यह सर्वे 15 जुलाई तक पूरा किया जाएगा। एसडीएम, तहसीलदार और राजस्व विभाग की टीम संयुक्त रूप में अपनी रिपोर्ट तैयार करके एडीएम वित्त एवं राजस्व को सौंपेगी।
इन बिंदुओं पर किया जा रहा है सर्वे
1. जिन क्षेत्र में बाजार दर सर्किल रेट से अधिक हैं, वहां जांच कर तय किया जाएगा कि कितना सर्किल रेट बढ़ाया जा सकता है।
2. ऐसे क्षेत्र या मुख्य मार्ग जिनमें व्यावसायिक गतिविधियों का विस्तार हो रहा है, उन क्षेत्रों में नए सेगमेंट का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।
3. सभी मार्गों पर पड़ने वाली कृषि भूमि क्षेत्र की जांच की जाएगी कि वहां व्यावसायिक गतिविधि तो नहीं चल रही है। उसी अनुसार सर्किल रेट तय किया जाएगा।
4. आबादी वाले क्षेत्रों के खसरा नंबरों की जांच कर सर्किल रेट और बाजार भाव का अंतर पता किया जाएगा।
5. जमीनों के गाटा संख्या खोलकर उनमें किस प्रकार की गतिविधि हो रही है उसकी जांच की जाएगी।
नए सर्किल रेट तय करने की क्या वजह
गाजियाबाद के अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व सौरभ भट्ट ने बताया, ''जनपद में सर्किल रेट और बाजार भाव में काफी अंतर आ चुका है। नए सर्किल रेट तय कराने के लिए सर्वे शुरू हो गया है। नए सर्किल रेट तय होने से बाजार में ब्लैक मनी पर भी अंकुश लगेगा।''