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मकान मालिकों को बड़ी राहत, गाजियाबाद में प्लॉट में पार्किंग बनाने वाले बना सकेंगे एक्सट्रा फ्लोर

300 वर्ग मीटर या उससे कम क्षेत्रफल वाले प्लॉटों पर स्टिल्ट में पार्किंग बनाने वालों को अतिरिक्त फ्लोर के निर्माण की अनुमति मिलेगी। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) खुद इसका नक्शा स्वीकृत करेगा।

Praveen Sharma गाजियाबाद। हिन्दुस्तान, Tue, 9 Jan 2024 09:04 AM
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गाजियाबाद जनपद में 300 वर्ग मीटर या उससे कम क्षेत्रफल वाले प्लॉटों पर स्टिल्ट में पार्किंग बनाने वालों को अतिरिक्त फ्लोर के निर्माण की अनुमति मिलेगी। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) खुद इसका नक्शा स्वीकृत करेगा। हालांकि, यह नियम जीडीए की 10 जनवरी को प्रस्तावित बोर्ड बैठक में संशोधित भवन उपविधि को मंजूरी मिलने के बाद लागू होगा।

जीडीए क्षेत्र में 300 वर्ग मीटर या उससे कम क्षेत्रफल वाले प्लॉटों पर ढाई मंजिल बनाने का नियम है। ऐसे में लोग मकान में पार्किंग की जगह नहीं छोड़ते और वाहन घर के बाहर सड़क किनारे खड़ा करते हैं, जिससे कॉलोनियों तक में जाम की समस्या बन रही है। इस समस्या को देखते हुए पिछले दिनों प्रदेश सरकार ने भवन निर्माण एवं विकास उपविधि में संशोधन किया। इसमें 300 वर्ग मीटर या उससे कम क्षेत्रफल वाले प्लॉटों पर स्टिल्ट में पार्किंग देने वालों को अतिरिक्त फ्लोर बनाने की छूट मिलेगी।

अब जीडीए 10 जनवरी को प्रस्तावित बोर्ड बैठक में इस संशोधित भवन उपविधि के प्रस्ताव को शामिल कर मंजूरी दिलाएगा। इसके बाद प्राधिकरण 300 वर्गमीटर या इससे कम क्षेत्रफल वाले प्लॉटों पर स्टिल्ट में पार्किंग बनाने वालों को अतिरिक्त मंजिल के निर्माण का नक्शा स्वीकृत करेगा। इस पार्किंग के लिए दो मीटर ऊंचाई के स्टिल्ट फ्लोर का निर्माण कराया जा सकेगा। ऐसे में 10.50 से 12.50 मीटर ऊंचाई तक भवन का निर्माण होगा। इसी तरह यदि प्लॉट का क्षेत्रफल 300 से 500 वर्गमीटर है तो स्टिल्ट में पार्किंग बनाने से बहु-आवासीय भवनों का निर्माण 15 से 17.50 मीटर ऊंचाई तक किया जा सकेगा। इस तरह नक्शे पास होने से जनपद में पार्किंग की समस्या दूर हो सकेगी।

इस क्षेत्र के लोगों को सबसे अधिक फायदा : गाजियाबाद में विकसित होने वाले नए क्षेत्रों में बिल्डिंग बायलॉज में किए गए संशोधन का सबसे अधिक फायदा होगा। इसमें मुख्य रूप से रैपिड कॉरिडोर के दोनों तरफ विकसित होने वाले क्षेत्र के अलावा मधुबन बापूधाम योजना, इंद्रप्रस्थ योजना, कोयल एंक्लेव, वेव सिटी, सन सिटी आदि क्षेत्र शामिल है।

जाम है सबसे बड़ी समस्या : पार्किंग की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण बाजारों से लेकर कॉलोनियों तक में वाहन सड़कों के किनारे खड़े होते हैं, जिस वजह से सड़क छोटी नजर आती है और जाम की समस्या बनी रहती है।

नक्शे स्वीकृत कराने वालों को लाभ होगा

बिल्डिंग बायलॉज में किए गए संशोधन का फायदा नक्शे स्वीकृत कराने वालों को होगा। हालांकि अगर किसी ने पुराने बिल्डिंग बायलॉज के तहत नक्शा स्वीकृत करा रखा है, लेकिन अभी तक निर्माण नहीं किया, तो वह नए संशोधन के लागू होने के बाद नक्शे में संशोधित कर सकता है। वहीं, पुरानी योजनाओं में कोई मकान तोड़कर उसका नए सिरे से निर्माण करने के लिए नक्शा स्वीकृत कराता है, तो उसे भी इस नियम का लाभ मिल सकेगा।

वर्तमान में यह है नियम

बिल्डिंग बायलॉज में अभी 300 वर्ग मीटर या उससे कम क्षेत्रफल वाले भूखंडों पर ढाई मंजिल बनाने का नियम है। इसमें पार्किंग बनाने या उसके लिए जगह छोड़ने पर कोई अतिरिक्त लाभ की व्यवस्था नहीं है। इस कारण लोग मकान बनाते समय ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग की जगह नहीं छोड़ते हैं और अपना वाहन घर के बाहर ही खड़ा करते हैं।

-सीपी त्रिपाठी, अपर सचिव, जीडीए, ''जीडीए बोर्ड बैठक में संशोधित बिल्डिंग बायलॉज को रखकर मंजूरी दिलाई जाएगी। इसके बाद नए नियम से नक्शे स्वीकृत हो सकेंगे, जिससे पार्किंग की समस्या दूर होगी।''

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