नूंह के खेतों से खाली हो रहे थे देशभर के 'खाते', पूरी 'फौज' ही पकड़ी गई
Cyber Fraud: साइबर अपराधियों पर नूंह की साइबर पुलिस की टीम ने एक बार फिर बड़ा प्रहार किया है। पुलिस ने नूंह समेत राजस्थान के अलवल, भरतपुर आदि गांवों में छापेमारी कर 30 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया।
साइबर अपराधियों पर नूंह की साइबर पुलिस की टीम ने एक बार फिर बड़ा प्रहार किया है। पुलिस ने नूंह समेत राजस्थान के अलवल, भरतपुर आदि गांवों में छापेमारी कर 30 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया। इनसे 50 मोबाइल फोन, 90 सिम कार्ड आदि बरामद किए हैं। आरोपी गांव के खेतों में बैठकर कॉल सेंटर चलाते थे और देशभर के लोगों से ठगी करते थे। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
साइबर थाना के प्रभारी विमल राय ने बताया कि देश के अलग-अलग क्षेत्रों से साइबर अपराध को अंजाम देने वाले साइबर ठगों की पहचान केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रतिबिंब ऐप की मदद से की गई। इससे आरोपियों की लोकेशन मिल गई। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर और नूंह पुलिस अधीक्षक (एसपी)नरेंद्र बिजारणिया के दिशा-निर्देश पर साइबर ठगों को दबोचने के लिए जिले शनिवार और रविवार को एक विशेष अभियान चलाने की योजना बनाई गई। योजना के अनुसार गठित टीम में सभी थाना प्रबंधक/चौकी, क्राइम ब्रांच, साइबर सेल के प्रभारियों और पुलिस कर्मियों को शामिल किया गया। सभी थाना, चौकी, क्राइम ब्रांच और साइबर थाना के कर्मचारियों को मिलाकर 10 से अधिक टीमें गठित की गई।
शनिवार रात टीम के सदस्य एक साथ 10 से अधिक गांवों में एक साथ दबिश देकर आरोपियों को काबू किया। कई ऐसे आरोपी है कि जिन्हें नूंह -राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्र अलवर, भरतपुर से भी काबू किया गया है। इसमें राजस्थान पुलिस की भी मदद ली गई। इन गांवों में छिपे थे आरोपी जानकारी के अनुसार नूंह पुलिस की टीम ने गांव देसी, सिटी नूंह स्थित वार्ड नंबर-आठ, पंचगामा, असाई सिखा, रोककामेव, फिरोजपुर झिरका, पुन्हाना, राजस्थान के अलवर आदि क्षेत्रों से आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। छापेमारी शनिवार देर रात की गई। इस दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना पर विराम लगाने के लिए स्थानीय थाना की पुलिस से मदद ली गई। अप्रिय घटना को रोकने के लिए गांवों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाया गया था।
इस तरह से करते हैं ठगी
जानकारी के अनुसार गिरफ्तार सभी आरोपी अपने घरों में बैठकर या खेतों में बैठकर कॉल सेंटर चलाते थे। साइबर थाना के प्रभारी विमल कुमार ने बताया कि आरोपी सेना का फर्जी अधिकारी बनकर सेना में नौकरी लगवाने का झांसा, सेना के लिए जरूरी सामान खरीदने के लिए फर्जी ऑर्डर देकर, हनी ट्रैप, कंपनियों व सरकरी विभागों में नौकरी दिलाने, ऑनलाइन बाजार में खरीदारी का झांसा देते थे।
हजारों लोगों से रकम ऐंठी
सूत्रों की मानें तो गिरफ्तार साइबर अपराधी एक साल से अधिक समय से साइबर ठगी में संलिप्त थे। आशंका है कि इनके द्वारा देशभर के पांच हजार से अधिक लोगों से ठगी की गई होगी। पुलिस जब्त मोबाइल फोन और सिम कार्ड को जांच के लिए एमएचए में भेजेगी। सोशल मीडिया से लोगों का डाटा जुटा रहे। नूंह में अधिकांश मालवाहक वाहन चलते हैं। आशंका है कि उनके द्वारा फोन चोरी कर और सिम कार्ड को साइबर ठगों तक पहुंचाया जाता है। इनके चालकों की सहायता से आरोपी दूसरे प्रदेशों के व्यक्तियों के आधार कार्ड व अन्य पहचान पत्र बरामद कर, उससे फर्जी तरीके से सिम कार्ड हासिल करते हैं। आरोपी सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों का डाटा लेकर उन्हें फोन करते हैं और पैसे ऐंठते हैं।
यहां शिकायत करें
● साइबर ठगी होने पर इसकी शिकायत साइबर क्राइम थाने और साइबर सेल के टोल फ्री नंबर 1930 और 155260 पर करें। इसके अलावा cybercrime. gov.in पर ई-मेल के जरिये शिकायत कर सकते हैं।
ये सावधानियां बरतें
● किसी भी कंपनी का कस्टमर केयर नंबर उसकी संबंधित आधिकारिक वेबसाइट से ही लें
● जिन वेबसाइट पर लालरंग का निशान दिखाई दे, उनका एक्सेस करने से बचें
● यूट्यूब वीडियो में दिए मोबाइल या फोन नंबर पर कॉल न करें
● वीडियो और वेब पेज को लाइक करने के झांसे में न आएं
● सरकारी विभाग के नाम से अगर कोई कॉल आए तो भुगतान न करें
● शेयर बाजार में निवेश करते समय विशेषज्ञों से जानकारी लें