सावधान! चाइल्ड पोर्नोग्राफी के फर्जी नोटिस भेज रहे शातिर; ऐसे करें झांसे वाले ईमेल की पहचान
अगर आपके ई-मेल पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने का आरोप लगाते हुए कोई धमकी भरा नोटिस आए तो घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह नोटिस पुलिस या जांच एजेंसी का नहीं, बल्कि जालसाजों का हो सकता है।
अगर आपके ई-मेल पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने का आरोप लगाते हुए कोई धमकी भरा नोटिस आए तो घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह नोटिस पुलिस या जांच एजेंसी का नहीं, बल्कि जालसाजों का हो सकता है। राजधानी दिल्ली में रोजाना सैकड़ों लोगों को इस तरह ई- मेल भेजकर डराने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि उनसे मोटी रकम वसूली जा सके।
जानकारी के अनुसार, लोगों को भेजे जा रहे ई-मेल में फर्जी नोटिस भेजा जा रहा है। इस पर साइबर पुलिस इंडिया, मध्य प्रदेश पुलिस, खुफिया विभाग, सीबीआई, बीपीआरएनडी (ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट), इंटरपोल आदि के लोगों लगाए गए हैं। इस पर जगह-जगह अधिकारियों के नाम और हस्ताक्षर हैं, ताकि नोटिस मिलने वाला शख्स इसे असली माने।
नोटिस में लिखा गया है कि सीबीआई की ओर से इस तरह की गतिविधियों को चिह्नित किया जाता है ताकि ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। इंटरपोल और बीपीआरएनडी ने जांच के दौरान आपके इंटरनेट पर बच्चों से संबंधित अश्लील वीडियो और फोटो देखने के साक्ष्य पाए हैं।
ये धमकी दे रहे आरोपी
नोटिस में लिखा गया है कि इस तरह की गतिविधियों के चलते सीबीआई ने आपके आईपी एड्रेस की पहचान की है। इसलिए आपके खिलाफ पॉक्सो और आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। कानूनी कार्रवाई के लिए फाइल भेजने से पहले एक मौका दिया जा रहा है। ई-मेल मिलने वाले शख्स को इस पर 24 घंटे के अंदर जवाब देने के लिए कहा जा रहा है। जवाब नहीं मिलने पर 24 घंटे बाद नजदीकी थाने की पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने और मीडिया में भी नाम डालने की धमकी दी गई है।
ऐसे ई-मेल मिलने पर ये सावधानी बरतें
● इस तरह के फर्जी मेल पर कोई जवाब न दें
● डराने पर किसी प्रकार की राशि आरोपियों को न भेजें
● अपने नजदीकी थाने में लिखित शिकायत दें
● अपने परिचितों को भी इस तरह की जालसाजी से अवगत कराएं
पुलिस के पास फिलहाल शिकायत नहीं
साइबर सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फिलहाल इस तरह की शिकयतें नहीं मिली हैं। लोगों से इस तरह की ई-मेल को नजरअंदाज करने की अपील की है। उन्होंने बताया कि पुलिस या किसी एजेंसी की ओर से ऐसा ई-मेल नहीं भेजा जाता है। निश्चित तौर पर बच्चों के अश्लील वीडियो देखना अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे मामलों को लेकर पुलिस की तरफ से कई बार कार्रवाई भी की गई है, लेकिन इस तरह के नोटिस फर्जी हैं, जिनके माध्यम से जालसाज ठगी का प्रयास कर रहे हैं।