सदमे में आ गए मेरे मां-बाप; अवध ओझा ने कोचिंग हादसे पर तोड़ी चुप्पी, विकास दिव्यकीर्ति पर भी बोले
अवध ओझा ने आगे कहा, 'मुझे चार लाख रुपए कम में एक बेसमेंट की क्लास मिल रही थी। आज जहां मेरी कोचिंग चलती हैं, वहां बेसमेंट खाली है। मुझे 18 लाख रुपए में एक बेसमेंट मिल रहा था।'
मशहूर टीचर विकास दिव्यकीर्ति के बाद अब अवध ओझा ने भी दिल्ली कोचिंग हादसे पर चुप्पी तोड़ी है। दरअसल, इन दोनों शिक्षकों को लेकर सोशल मीडिया पर कई सवाल उठाए जा रहे थे। एक इंटरव्यू के दौरान अवध ओझा ने बताया कि वह सरकार से सख्त कानून की मांग करेंगे। उन्होंने बेसमेंट में चल रही क्लासेज के खतरों के बारे में भी बताया। 'राजा' और 'कट्टा' वाले बयान पर उन्होंने सफाई भी दी। इसी के साथ उन्होंने विकास दिव्यकीर्ति की 'तजुर्बा' वाली बात पर भी कमेंट किया।
सदमे में आ गए मां-बाप
'द लल्लनटॉप' के इंटरव्यू के दौरान अवध ओझा से पूछा गया कि प्रदर्शन कर रहे छात्र पूछ रहे थे कि अवध ओझा पिछले चार दिनों से कहां हैं? इसपर ओझा ने कहा, 'सवाल कहां पूछ रहे थे? बल्कि गाली दे रहे थे। उनको क्या पता मैं किस परिस्थिति में हूं। मेरे पिता की उम्र 90 साल है। इन घटनाओं से वह बहुत आहत हुए हैं। उन्हें लगा कि यह मैंने किया है। मेरी मां को लोगों ने बताया कि तुम्हारे बेटे के कोचिंग में लड़के मर गए। इससे दोनों (माता-पिता) की स्थिति खराब हो गई। सोशल मीडिया पर जैसी बातें चल रहीं हैं उससे तो यह लग रहा कि मेरी कोचिंग थी। अब आप बताइए... जिसके बुजुर्ग मां-बाप सदमे में आ जाएं वह लड़का उनके पास जाएगा या दिल्ली आएगा?'
बेसमेंट में कोई गारंटी नहीं है
अवध ओझा ने आगे कहा, 'मुझे चार लाख रुपए कम में एक बेसमेंट की क्लास मिल रही थी। आज जहां मेरी कोचिंग चलती हैं, वहां बेसमेंट खाली है। मुझे 18 लाख रुपए में एक बेसमेंट मिल रहा था। मैंने कहा कि मुझे बेसमेंट नहीं लेना है। मैंने उनसे कहा कि देख लेना आज नहीं तो कल ये सारी बेसमेंट बंद हो जाएंगी। बेसमेंट में आप अंदर चले गए तो आप की भी कोई गारंटी नहीं है। एक बार मैं क्लास ले रहा था, तभी भूकंप आ गया। मैंने लड़कों से कहा, देखो भागने से कोई फायदा नहीं है, धीरे-धीरे निकल लो। नहीं तो सब मारे जाएंगे। आप ये मान लीजिए कि जो भी बेसमेंट में बैठा है उसकी जान दांव पर लगी हुई है।'
'राजा' और 'कट्टा' वाले बयान पर क्या बोले अवध ओझा
इंटरव्यू के दौरान अवध ओझा से पूछा गया कि आंदोलन कर रहे छात्र आपको कोट कर के कह रहे थे कि वो कहते हैं कि 'राजा बनना है या नहीं' और 'तुम कट्टा चला दो' लेकिन आज हमारे बीच वो नहीं आ रहे हैं। इसपर अवध ओझा ने कहा, 'पहली बात तो यह कि मैंने कभी भी किसी छात्र को कट्टा चलाने के लिए नहीं कहा है। यही तो इनकी दशा है... कि जिससे ये परेशान हैं उस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। इनका ध्यान अवध ओझा और विकास दिव्यकीर्ति पर है।'
विकास दिव्यकीर्ति की 'तजुर्बा' वाली बात पर क्या बोले अवध ओझा
इंटरव्यू के दौरान अवध ओझा से पूछा गया कि आंदोलन स्थल पर विकास दिव्यकीर्ति द्वारा कही बात 'कुछ नहीं होगा तो तजुर्बा होगा' पर छात्र कमेंट कर रहे थे। इसपर अवध ओझा ने कहा, 'विकास जी की कोई दस लाइन समझ जाएगा तो उसकी जिंदगी सुधर जाएगी। विकास जी बहुत ही शिक्षित और हैवी वेट टीचर हैं। वही वाला हाल है... जब देश का बुरा दिन आता है तब विद्वानों का मजाक उड़ाया जाने लगता है।'