हमारी शिकायत पर कोई एक्शन नहीं, बीजेपी की.....चुनाव आयोग के नोटिस पर आतिशी ने सवाल उठाए
आप नेता और दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने चुनाव आयोग के नोटिस पर सवाल उठाए हैं। मंत्री का आरोप है कि उन्हें नोटिस मिलने से पहले मीडिया में प्रसारित हो गया। उसके आधे घंटे बाद नोटिस मिला।
भाजपा की शिकायत पर चुनाव आयोग की ओर से शुक्रवार को मंत्री आतिशी को नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने इस नोटिस को लेकर सवाल उठाए हैं। मंत्री ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग का नोटिस उन्हें मिलने से पहले मीडिया में प्रसारित हो गया। उसके आधे घंटे बाद उन्हें यह नोटिस मिला है। मंत्री ने कहा कि क्या चुनाव आयोग भाजपा का अनुसांगिक संगठन बन चुका है। आम आदमी पार्टी बार-बार शिकायत कर रही है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है। वहीं, भाजपा की शिकायत पर चुनाव आयोग ने मात्र 12 घंटे में मुझे नोटिस जारी कर दिया।
आतिशी ने कहा कि आयोग ने मेरी एक पत्रकारवार्ता को लेकर नोटिस भेजा है। भाजपा की ओर से चार अप्रैल को शिकायत दी गई थी। अगले ही दिन 5 अप्रैल को सुबह 11.15 बजे आयोग की तरफ नोटिस जारी होने की खबरें मीडिया में चलने लगती है, मुझे नोटिस भेजा गया है। उसके आधे घंटे बाद 11.45 बजे मुझे ईमेल पर नोटिस मिलता है। मैं चुनाव आयोग से पूछना चाहती हूं कि यह किसके इशारे पर हो रहा है। आतिशी ने कहा कि सीएम केजरीवाल के खिलाफ आपत्तिजनक होर्डिंग्स को लेकर शिकायत करते हैं, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, लेकिन भाजपा की शिकायत पर तत्काल एक दिन के भीतर कार्रवाई हो जाती है।
मंत्री ने कहा कि जिस चुनाव आयोग का काम देश में निष्पक्ष चुनाव करवाना है, आज उसकी निष्पक्षता पर बड़े सवाल उठ रहे हैं। आचार संहिता लागू होने के बाद मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लिया जाता है। क्या चुनाव आयोग इस पर ईडी को नोटिस भेजता है, जब आयकर विभाग विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बैंक अकाउंट को सीज करता है तो क्या चुनाव आयोग नोटिस जारी करता है।
निर्वाचन आयोग ने आठ अप्रैल तक जवाब मांगा
भारतीय निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। आयोग ने आतिशी को भाजपा में शामिल होने के ऑफर वाले बयान के तहत 8 अप्रैल को दोपहर 12 बजे तक जवाब देने के लिए कहा है। आयोग ने भाजपा की ओर से गुरुवार को दाखिल की गई शिकायत पर संज्ञान लेकर यह कार्रवाई की है।
नोटिस में कहा गया है कि आतिशी दिल्ली सरकार में मंत्री हैं। सार्वजनिक मंच से नेताओं की ओर से जो भी कहा जाता है उस पर मतदाता भरोसा करते हैं। ऐसे में इस तरह से उनके द्वारा दिए गए बयान चुनाव प्रचार विमर्श को प्रभावित करता है। आयोग ने नोटिस में कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि आप नेता की ओर से दिए गए बयान का एक ‘तथ्यात्मक आधार’ होना चाहिए। आयोग ने कहा कि जब आपके द्वारा दिए गए बयान की सत्यता पर विवाद होता है तो आपको तथ्यात्मक आधार पर अपने बयान का समर्थन करने में सक्षम होना चाहिए।
‘प्रशासनिक शिष्टाचार की सीमाएं पार’
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहना है कि दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने चुनाव आयोग की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर उंगली उठाकर राजनीतिक और प्रशासनिक शिष्टाचार की सभी सीमाओं को पार कर दिया है। मंत्री ने चुनाव आयोग की ओर उंगली उठाने से पहले और पूर्व चुनाव आयुक्त टीएन शेषन की याद दिलाने से पहले अपने मुख्यमंत्री से कहा होता कि वह मदन लाल खुराना के उदाहरण का अनुसरण करें, जिन्होंने सिर्फ राजनीतिक रूप से प्रेरित डायरी मामले में नाम लिए जाने पर इस्तीफा दे दिया था। मुख्यमंत्री जेल जा कर भी इस्तीफा देने को तैयार नही हैं।
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