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दिल्ली एम्स अब नगद नहीं स्मार्ट कार्ड से लेगा पेमेंट, जान लें नियम नहीं तो होंगे परेशान

Delhi AIIMS News: दिल्ली एम्स ने डिजिटल मोड में भुगतान की दिशा में एक और पहल की है। एम्स ने सोमवार को AIIMS-SBI डिजिटल रोगी देखभाल कार्ड सेवा की शुरुआत की। पढ़ें यह रिपोर्ट...

Krishna Bihari Singh वार्ता, नई दिल्लीMon, 12 Feb 2024 11:04 PM
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एम्स ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ मिलकर मरीजों को भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्मार्ट कार्ड लॉन्च किया है। इसके माध्यम से मरीज कैंटीन से लेकर ओपीडी तक और लैब जांच के लिए भुगतान कर सकेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने सोमवार को एम्स निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास और एसबीआई के एमडी मनजीत‌ सिंह के साथ मिलकर ‘एम्स स्मार्ट कार्ड’ को जारी किया। मरीजों, तीमारदारों को स्मार्ट कार्ड देने और इसका रिचार्ज करने के लिए एम्स में ही जगह-जगह टॉप अप केंद्र मौजूद होंगे। 

स्मार्टकार्ड की सुविधा के बाद एम्स में कैश नहीं लिया जाएगा। यह कार्ड 24 घंटे काम करेगा। एम्स में यूपीआई, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड से भी भुगतान होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि एम्स-एसबीआई स्मार्ट पेमंट कार्ड दूर-दराज के इलाकों से मरीजों को नकदी ले जाने की समस्या का समाधान करेगा और सुरक्षित भुगतान की गारंटी देगा।

मांडविया ने सोमवार को दिल्ली एम्स में एम्स-एसबीआई स्मार्ट भुगतान कार्ड जारी करते हुए कहा कि मरीजों और उनके तीमारदारों के लिए यह एक बड़ी राहत है। एम्स स्मार्ट पेमेंट कार्ड की सेवाएं निकट भविष्य में सभी 22 एम्स तक बढ़ाई जाएंगी। एम्स स्मार्ट पेमेंट कार्ड दूर-दराज के इलाकों से मरीजों को अस्पताल में नकदी ले जाने की समस्या का समाधान करेगा।

मरीज या उनके तीमारदार एम्स दिल्ली के सुविधा केंद्रों से आसानी से कार्ड प्राप्त कर सकते हैं। उसके बाद विभिन्न काउंटरों पर भुगतान के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। डिजिटल इंडिया पहल ने सरलता और सुरक्षा के एक नए युग की शुरुआत की गई है। एम्स में इलाज करा रहे मरीज के लिए भुगतान संबंधी किसी भी तत्काल आवश्यकता के मामले में अब कोई भी व्यक्ति देश भर से आसानी से और तेजी से रकम ट्रांसफर कर सकता है। 

एसबीआई-एम्स स्मार्ट कार्ड सभी मरीजों को नि:शुल्क प्रदान किया जा रहा है। इसमें कोई सेवा शुल्क नहीं है। प्रवेश पर सभी मरीजों को स्मार्ट कार्ड जारी किया जाएगा। कार्ड को मरीज के विशिष्ट अस्पताल पहचान (यूएचआईडी) नंबर और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत जारी आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (एबीएचए) आईडी से जोड़ा जाएगा। एक बार जारी किया गया कार्ड पांच साल की अवधि के लिए वैध होगा। 

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