आग के खतरे से निपटने की तैयारी, बाजारों से हटने लगा तारों का जाल, एलजी वीके सक्सेना के आदेश पर कार्रवाई
द बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन योगेश सिंघल का कहना है कि बाजार के अंदर तारों का जाल फैला हुआ है। इंटरनेट, सीसीटीवी, टेलीकॉम कंपनियों के साथ पब्लिक एनाउंसमेंट सिस्टम के तार फैले हुए हैं।
राजधानी के प्रमुख और पुराने बाजारों में तारों के जाल आग का प्रमुख कारण बन रहे हैं। चांदनी चौक, सदर बाजार में बड़ा हिस्सा इन्हीं तारों के जाल से घिरा है, जिन्हें हटाने का काम शुरू हो गया है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और अन्य विभाग के लोग मिलकर तारों को हटाने का काम कर रहे हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चांदनी चौक के कूंचा महाजनी बाजार में तारों को हटाने का काम शुरू हो गया है। इसके अलावा व्यापारियों से प्रस्ताव मांगा गया है कि वो पहले चरण में उन बाजारों और गलियों को चिन्हित करके नाम दे दें।
द बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन योगेश सिंघल का कहना है कि बाजार के अंदर तारों का जाल फैला हुआ है। इंटरनेट, सीसीटीवी, टेलीकॉम कंपनियों के साथ पब्लिक एनाउंसमेंट सिस्टम के तार फैले हुए हैं, जिनसे बाजार के अंदर स्पार्क होने पर आग लगने का खतरा रहता है।
हमने सरकार के सामने भी इस मुद्दे को उठाया था। इसके साथ ही उपराज्यपाल वीके सक्सेना से भी अनुरोध किया था, जिसके बाद उन्होंने बाजार का स्थलीय निरीक्षण भी किया था और अधिकारियों को तार हटाने की दिशा में काम करने का निर्देश दिया था। अब बाजार से तार हटाए जा रहे है। यह पायलट फेज है, जिसमें देखा जाएगा कि किस तरह की चुनौतियां हैं और क्या इंतजाम किए जाने की जरूरत है। उसके बाद चांदनी चौक समेत अन्य बाजारों से इन तारों का हटाया जाएगा।
सदर बाजार से भी मांगा प्रस्ताव
दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों ने सदर बाजार के व्यापारियों से भी प्रस्ताव मांगा है। फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के चेयरमैन परमजीत सिंह पम्मा का कहना है कि त्योहार के चलते बाजार में भारी भीड़ थी और रेहड़ी पटरी लगी होने के कारण काम शुरू नहीं किया जा सका था। अब एमसीडी अधिकारियों ने इन बाजारों और सड़कों का ब्योरा मांगा है, जिनसे पहले चरण में तारों का जाल हटवाना चाहते हैं।