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आंदोलन का क्या होगा, पहलवानों को इंडिया गेट पर भी प्रदर्शन की इजाजत नहीं

बताया जा रहा है कि इन शीर्ष पहलवानों को धरना प्रदर्शन के लिए किसी अन्य जगह पर जाने की सलाह दी जाएगी। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने दिल्ली पुलिस से जुड़े सूत्रों के हवालों से यह जानकारी दी है। 

Nishant Nandan पीटीआई, नई दिल्लीTue, 30 May 2023 06:24 PM
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पहलवानों ने इंडिया गेट के पास अपना प्रदर्शन शुरू करने का ऐलान किया है। इस बीच दिल्ली पुलिस के सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि प्रदर्शनकारी पहलवानों को इंडिया के पास प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी जाएगी क्योंकि यह राष्ट्रीय धरोहर प्रदर्शन के लिए नहीं है। पहलवानों को धरना प्रदर्शन के लिए किसी अन्य जगह पर जाने की सलाह दी जाएगी। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने दिल्ली पुलिस से जुड़े सूत्रों के हवालों से यह जानकारी दी है। इससे पहले रविवार को देश के शीर्ष पहलवानों को रविवार को उनके प्रदर्शन स्थल जंतर-मंतर से हटा दिया गया था। पहलवानों ने आज कहा था कि वो हरिद्वार जाकर अपने जीते हुए मेडल गंगा में प्रवाहित कर देंगे और भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

पुलिस सूत्रों ने कहा है कि इंडिया गेट प्रदर्शन स्थल नहीं है और पहलवानों को वहां प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। सूत्रों ने कहा कि पहलवानों ने अभी तक प्रदर्शन को लेकर कोई आग्रह नहीं किया है। अगर पहलवान प्रदर्शन करना चाहते हैं तो उन्हें संबंधित डीसीपी से लिखित आग्रह करना होगा। जिसके बाद जरूरी एक्शन लिया जाएगा। सूत्रों ने कहा है कि दिल्ली पुलिस पहलवानों को प्रदर्शन करने के लिए कुछ अन्य जगहों की सलाह देगी। हरिद्वार पहुंच कर विनेश फोगाट, बजंरग पूनिया, संगीता फोगाट समेत कई अन्य पहलवान हरिद्वार पहुंचे। यहां चोटी के पहट्लवीट करवान जमीन पर बैठ कर रोते नजर आए। 

दिन के वक्त पहलवान साक्षी मलिक ने  कहा था कि कहा कहा था कि जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत करके इन पदकों को हासिल किया था। ये पदक सारे देश के लिए ही पवित्र हैं और पवित्र पदक को रखने की सही जगह पवित्र मां गंगा ही हो सकती है ना कि हमें मुखौटा बना फायदा लेने के बाद हमारे उत्पीड़क के साथ खड़ा हो जाने वाला हमारा अपवित्र तंत्र। साक्षी ने यह भी कहा था कि इंडिया गेट हमारे उन शहीदों की जगह है जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी। हम उनके जितने तो पवित्र नहीं हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलते हुए हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी ही थी।
 

 

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