बॉलीवुड एक्ट्रेस अलीशा खान की मां की करतूत, धोखाधड़ी से बेची सेना की जमीन; परवीन बेगम सहित दो अरेस्ट
फर्जीवाड़ा करके सेना की जमीन बेचने के मामले में सिहानी गेट पुलिस ने बॉलीवुड अभिनेत्री अलीशा खान की मां परवीन बेगम को गिरफ्तार किया है। आरोपी महिला गाजीउद्दीन की वंशज है। अबतक दो गिरफ्तार हो चुके हैं।
फर्जीवाड़ा करके सेना की जमीन बेचने के मामले में सिहानी गेट पुलिस ने बॉलीवुड अभिनेत्री अलीशा खान की मां परवीन बेगम को गिरफ्तार किया है। आरोपी महिला गाजीउद्दीन की वंशज है। गाजीउद्दीन को ही गाजियाबाद को बसाने वाला माना जाता है। महिला के खाते में जमीन की खरीद-फरोख्त के 47 लाख रुपये आए थे। इस मामले में यह दूसरी गिरफ्तारी है, जबकि फर्जीवाड़े में शामिल रहे कई आरोपी अभी फरार हैं।
कार्यवाहक एसीपी नंदग्राम रितेश त्रिपाठी ने बताया कि उप निबंधक पंचम गाजियाबाद नवीन राय ने 28 जून को थाना सिहानी गेट में मजीद उर्फ समीर मलिक निवासी हबीब कॉलोनी जस्सीपुरा, ओमपाल निवासी प्रताप विहार व नीरज गर्ग निवासी राजनगर के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच-पड़ताल के बाद पुलिस ने मजीद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मजीद से की गई पूछताछ और साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने मंगलवार को फिरदौस बिल्डिंग रमतेराम रोड निवासी परवीन बेगम को गिरफ्तार किया है। परवीन बेगम कई फिल्मों में अभिनय कर चुकी बॉलीवुड अभिनेत्री अलीशा खान की मां है।
साढ़े दस करोड़ में बेची थी 25 करोड़ कीमत की जमीन
एसीपी का कहना है कि विजय नगर थानाक्षेत्र के मिर्जापुर गांव में खसरा नंबर-529 की भूमि है। संबंधित भूमि पर वर्तमान में सघन आबादी बसी है। इस भूमि के पास सैन्य भूमि खाली पड़ी है। आरोपी मजीद ने खसरा नंबर-529 की 18 हजार 710 वर्ग मीटर भूमि लगभग 10.50 करोड़ रुपए में समीर मलिक को बेची थी। समीर के पक्ष में विगत 17 अगस्त 2022 में रजिस्ट्री की गई थी। बैनामे में भूमि को खाली दिखाया गया था। बैनामे के समय सैन्य भूमि का मानचित्र पेश किया गया था, जबकि खसरा नंबर-529 पर भूमि खाली नहीं है। इस प्रकार धोखाधड़ी कर सेना की 23 करोड़ रुपए से ज्यादा की भूमि को बेचा गया था। जिसमें ओमपाल और नीरज गर्ग गवाह बने थे।
अजयवीर के साथ मिलकर किया फर्जीवाड़ा
एसीपी का कहना है कि परवीन बेगम ने जमीन अपने नाम कराने के लिए वर्ष 2016 और 2019 में एसडीएम के नाम प्रार्थना-पत्र दिए थे। खसरा नंबर-529 के अभिलेख परवीन खान के पास थे, जिसमें यह भूमि वर्ष 1931 में इस्लामिया वक्फ बोर्ड की दर्शाई गई थी। जिसके चलते इस जमीन का विक्रय करना संभव नहीं था। योजना के तहत परवीन बेगम ने मजीद को अपने साथ मिलाकर जमीन का पट्टा फर्जी तरीके से मजीद के नाम कर दिया था। इसी पट्टे के आधार और एसडीएम को दिए गए प्रार्थना-पत्रों को आधार बनाकर आरोपी परवीन बेगम ने फरार अजयवीर के साथ मिलकर जमीन बेच दी।
मजीद और अजयवीर के संयुक्त खाते से रकम भेजी गई
पुलिस के मुताबिक खसरा नंबर-529 की जमीन बेचने पर मिली रकम को ट्रांसफर कराने के लिए मजीद और अजयवीर ने संयुक्त रूप से खाता खोला था। जमीन का बैनामा होने के बाद इस खाते में 4.35 करोड़ रुपए की रकम ट्रांसफर हुई थी। जिसमें से 47 लाख रुपये परवीन बेगम के खाते में ट्रांसफर की गई थी।