आरुषि-हेमराज हत्याकांड: डासना जेल से राजेश और नूपुर तलवार की रिहाई आज
इकलौती बेटी की हत्या के आरोप से बरी होने के बाद तलवार दंपति आज डासना जेल से रिहा हो सकते हैं। इसके लिए हाईकोर्ट से पौने तीन सौ पेज की सत्यापित कॉपी आज सीबीआई की विशेष अदालत में पेश की जाएगी। इस आदेश...
इकलौती बेटी की हत्या के आरोप से बरी होने के बाद तलवार दंपति आज डासना जेल से रिहा हो सकते हैं। इसके लिए हाईकोर्ट से पौने तीन सौ पेज की सत्यापित कॉपी आज सीबीआई की विशेष अदालत में पेश की जाएगी। इस आदेश में हाईकोर्ट ने जो भी दिशा निर्देश दिए हैं, उनको पूरा करने की तैयार कर ली गई है। यदि सब कुछ सामान्य रहा तो आज शाम 6 बजे तलवार दंपति डासना जेल से रिहा कर दिए जाएंगे।
तलवार दंपति के अधिवक्ता मनोज सिसौदिया दिया ने बताया कि शनिवार को उन्हें हाईकोर्ट के आदेश की सत्यापित कॉपी मिल गई है। इसमें 437ए की कार्यवाही का उल्लेख है, जिसके तहत उन्हें सोमवार को अदालत में बेल बांड भरना होगा। इस आदेश के तहत दोनों की रिहाई के लिए एक-एक लाख रुपये के दो-दो जमानती पेश करने होंगे। इसकी पूरी तैयारी हो चुकी है।
डासना जेल: तलवार दंपति से मुलाकात करने नहीं पहुंचे परिजन
तलवार दंपति से मुलाकात करने उनका कोई भी परिजन रविवार को भी डासना जेल नहीं पहुंचा। शनिवार को दंपति की जेल में आधे घंटे आपस में मुलाकात हुई थी, लेकिन इस दौरान भी कोई परिजन नहीं पहुंचा। रविवार को उम्मीद जताई जा रही थी कि राजेश और नूपुर तलवार के परिजनों में से कोई न कोई उनसे मिलने जेल में पहुंचेगा। यह वजह थी कि रविवार को डासना जेल के आसपास मीडियाकर्मियों का जमावड़ा रहा। पूरे दिन लोग टकटकी लगाए देखते रहे कि तलवार दंपति से मुलाकात करने के लिए कौन आ रहा है। देर शाम तक कोई भी परिजन व रिश्तेदार राजेश व नूपुर से मुलाकात करने के लिए जेल नहीं पहुंचा।
आरुषि हत्याकांडः सीबीआई की गॉल्फ क्लब थ्योरी में कई छेद
हाईकोर्ट से तलवार दंपति के बरी होने के आदेश के बाद से डासना जेल फिर से अंतराष्ट्रीय सुर्खियों में आ गई है। यहां पिछले चार साल से अपनी बेटी की हत्या के जुर्म में डॉ. राजेश तलवार और डॉ. नूपुर तलवार बंद हैं। गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने तलवार दंपति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जिसे चुनौते देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बदलते हुए दोनों को बरी कर दिया।
12 अक्तूबर के आदेश के बाद से डासना जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई। यहां उसी दिन से मीडियाकर्मियों को जमावड़ा लग गया। यही कारण है कि इस आदेश के बाद भी तलवार दंपति का कोई रिश्तेदार और परिजन उनसे मिलने नहीं पहुंचे।