सत्येंद्र जैन बेल याचिका पर सुनवाई के दौरान हमेशा गिरते हैं, ED ने सुप्रीम कोर्ट से कहा
अदालत में सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जस्टिस बेला एम त्रिवादी और पंकज मित्तल की बेंच के समक्ष कहा, 'कहा जाता है कि बिजली भी एक ही स्थान पर दो बार नहीं गिरती लेकिन जैन हमेशा गिर जाते हैं।'
आम आदमी पार्टी के नेता और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी सत्येंद्र जैन को अदालत से राहत मिल गई है। कोर्ट से राहत मिलने के बाद सत्येंद्र जैन अभी जमानत पर जेल से बाहर ही रहेंगे। अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत बरकार रखी है। इस मामले में अब 17 जनवरी को को सुनवाई होगा। सुप्रीम कोर्ट में सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपना पक्ष रखा। ईडी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जब कभी उनकी बेल याचिका पर सुनवाई होती है वो गिर जाते हैं। ईडी की तरफ से अदालत में मौजूद एडिशनल सॉलिसिटर नजरल एसवी राजू ने जस्टिस बेला एम त्रिवादी और पंकज मित्तल की बेंच के समक्ष कहा, 'कहा जाता है कि बिजली भी एक ही स्थान पर दो बार नहीं गिरती लेकिन जैन हमेशा गिर जाते हैं।'
हालांकि, सत्येंद्र जैन के वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि पूर्व के उदाहरणों की सत्यता कराई जा सकती है। सत्येंद्र जैन को पिछले साल मई के महीने में अंतरिम जमानत मिली थी। इसके बाद से उन्हें लगातार एक्सटेंशन मिलता रहा है। दिसंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत को 8 जनवरी तक बढ़ा दिया था क्योंकि अदालत को बताया गया था कि उनके पैर में फ्रैक्चर है।
कैसे हुए पैसों का खेल, ASG ने बताया
सुनवाई के दौरान एसवी राजू ने अदालत को मामले की संबंधित कंपनियों द्वारा लिए गए अनकाउंटेड कैश के बारे में बताया और कहा कि जेपी मोहता सत्येंद्र जैन की कंपनी के CA थे जो इन कंपनियों को देखते थे। ईडी के केस के मुताबिक, सत्येंद्र जैन ने मोहता से पूछा कि वो इसका रास्ता ढूढें कि अनकाउंटेड कैश को व्हाइट मनी में कैसे बदला जाए।
ईडी के वकील ने अदालत से कहा, 'सत्येंद्र जैन ने मोहता से कहा कि वो कलकत्ता के कुछ लोगों को जानते हैं जिनकी शेल कंपनियां हैं। अगर आप उन्हें सारा कैश देंगे तो आपको एंट्री देंगे। हो सकता है कि इसके लिए वो छोटी सी रकम कमिशन के तौर पर लें और वो आपके ब्याज देंगे। यह पैसे शेयर के तौर पर आएंगे।'
सत्येंद्र जैन को मेडिकल ग्राउंड पर मिली जमानत
बहरहाल बता दें कि आप नेता सत्येद्र जैन को गिरफ्तार किए जाने से पहले साल 2017 से लेकर मई 2022 से पहले तक उनसे कई बार पूछताछ भी हो चुकी है। सत्येंद्र जैन को अदालत ने मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत दी थी। इसी के साथ अदालत ने कई तरह की पाबंदियां भी सत्येंद्र जैन पर लगाई थी। इसमें मीडिया से बातचीत करने पर भी मनाही शामिल है।
सिंघवी ने रखा था जैन का पक्ष
इससे पहले 9 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पूर्वमंत्री के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है। उन्होंने दलील दी थी कि कानून के मुताबिक, किसी कपनी की संपत्ति का श्रेय किसी भी शेयरधारक या निदेशक को नहीं दिया जाता है। तो फिर कंपनी में मौजूद पैसे का श्रेय सत्येद्र जैन को कैसै दिया जा सकता है।