दिल्ली में 'चीता गैंग' के चार गुर्गे गिरफ्तार, रंगदारी वसूलने के लिए कारोबारियों में डर पैदा करने को बनाया था ये प्लान
बाहरी दिल्ली के मुंडका इलाके में कथित तौर पर रंगदारी वसूलने के लिए एक प्रॉपर्टी डीलर के ऑफिस के बाहर गोलीबारी करने वाले एक गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने सोमवार को बताया कि...
बाहरी दिल्ली के मुंडका इलाके में कथित तौर पर रंगदारी वसूलने के लिए एक प्रॉपर्टी डीलर के ऑफिस के बाहर गोलीबारी करने वाले एक गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने सोमवार को बताया कि 'चीता गैंग' के इन सभी सदस्यों ने पैसे कमाने और एक आरोपी द्वारा लिए गए लगभग तीन लाख रुपये के कर्ज को चुकाने के लिए यह तरीका अपनाया था।
उन्होंने कहा कि चारों आरोपियों- साहिल (21), ललित मेहरा (22), भरत (24) और मनोज (20) को घटना के लगभग एक हफ्ते बाद 23 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस के अनुसार आरोपियों में से एक ने एक व्यक्ति से करीब 3 लाख रुपये का कर्ज लिया था, जो उस पर रकम वापस लौटान का दबाव बना रहा था। पुलिस ने कहा कि कर्ज चुकाने के लिए आरोपी ने इस कथित अपराध को अंजाम दिया था।
आरोपियों तक पहुंचने को 350 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालीं
पुलिस के मुताबिक, फायरिंग की घटना 16 अक्टूबर को एक प्रॉपर्टी डीलर के ऑफिस के बाहर हुई, जो भाई और एक कर्मचारी के साथ अंदर बैठे थे। दोपहर करीब तीन बजे दो बाइक सवार युवक मौके पर पहुंचे और फायरिंग की। पुलिस ने कहा कि एक गोली ऑफिस की दीवार में लगी थी। पुलिस ने बताया कि इस संबंध में एक मामला दर्ज किया गया था और आरोपी द्वारा लिए गए संभावित रूट को ट्रैक किया गया और उनकी पहचान के लिए दिल्ली और हरियाणा के आसपास के इलाकों में लगे करीब 350 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली गई।
पुलिस उपायुक्त (बाहरी) परविंदर सिंह ने कहा कि जांच के दौरान हेड कॉन्स्टेबल सुनील कुमार को गीतांजलि एंक्लेव से टीकरी बॉर्डर तक फायरिंग की घटना में शामिल अपराधियों की संभावित आवाजाही के बारे में एक इनपुट मिला और जो एक और अपराध करने की योजना बना रहे थे। इसके बाद पुलिस टीम ने 23 अक्टूबर को तीन अपराधियों साहिल, ललित और मनोज को पकड़ने में कामयाबी हासिल की।
डीसीपी ने कहा कि पूछताछ में ललित ने पुलिस को बताया कि उसने पंडित जी नाम के एक व्यक्ति से कर्ज लिया था जो उस पर रकम लौटाने का दबाव बना रहा था। हालांकि, वह रकम की व्यवस्था नहीं कर सका। जब वह अपने धंधे से रकम जुटाने में नाकाम रहा, तो आखिरकार उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक रंगदारी वसूली गैंग बनाने का फैसला और इसे "चीता गैंग" नाम दिया।
भोंडसी जेल में बंद है चीता
ललित, भरत नाम के एक व्यक्ति को जानता था, जिसका भाई कप्तान उर्फ चीता एक खूंखार अपराधी था, जो चार मर्डर केस सहित नौ मामलों में शामिल था और वर्तमान में भोंडसी जेल में बंद है। पुलिस ने कहा कि भरत खुद भी पहले हत्या के प्रयास के मामले में शामिल था।
डीसीपी ने कहा कि इसके बाद भरत भी तीनों आरोपियों में शामिल हो गया और इलाके में डर और वर्चस्व कायम करने के लिए अपने भाई के उपनाम 'चीता' का इस्तेमाल करने लगा। प्रोटेक्शन मनी की मांग के लिए उन्होंने थोड़े समय के भीतर एक के बाद एक अपराध करने की योजना बनाई। भरत जिसके पास दो देशी तमंचे थे, उसने अपने साथियों को एक बंदूक और एक जिंदा कारतूस दिया। पुलिस ने कहा कि भरत के निर्देश पर ललित ने अन्य तीन के साथ प्रॉपर्टी डीलर के ऑफिस के बाहर गोलीबारी की थी।
पुलिस ने बताया कि छापेमारी के बाद भरत को भी गिरफ्तार कर लिया गया और उसके पास से दो देशी पिस्तौल और पांच जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं।