Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Sitaram Yechury will not be cremated family donated his body to AIIMS

मौत के बाद भी काम आएंगे सीताराम येचुरी, परिवार ने AIIMS को दान किया शरीर

आज लंबी बीमारी के बाद सीताराम येचुरी का निधन हो गया है। परिवार वालों ने उनके शव को दिल्ली एम्स को दान कर दिया।

Ratan Gupta हिन्दुस्तान टाइम्स, नई दिल्लीThu, 12 Sep 2024 05:40 PM
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सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी का लंबी बीमारी के बाद आज नई दिल्ली एम्स में निधन हो गया है। येचुरी के परिवार वालों ने उनके शव को दान करना सुनिश्चित किया है। परिजनों ने दिल्ली एम्स में उनके शव को रिसर्च और शिक्षा के उद्देश्य से दान किया है।

जहां इलाज कराया वहीं दान किया शरीर

येचुरी 72 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह कर चले गए। एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि आज दोपहर बाद करीब तीन बजे सांस के संक्रमण से लड़ते-लड़ते उनकी मौत हो गई। मृत्यू होने के बाद उनके परिजनों ने दिल्ली एम्स को उनका शरीर दान कर दिया।

विशेष टीम रख रही थी ध्यान, मगर...

19 अगस्त से येचुरी दिल्ली एम्स में अपना इलाज करा रहे थे। उन्हें निमोनिया जैसी बीमारी के कारण भर्ती कराया गया था। उनके सीने में संक्रमण की शिकायत थी। अस्पताल में उन्हें आईसीयू में रखा गया था। इसके साथ ही डॉक्टरों की विशेष टीम उनका ध्यान रख रही थी। मगर कुछ दिनों से उनकी तबियत बिगड़ती ही चली जी रही थी।

दान किया गया शरीर रिसर्च में कैसे होता है इस्तेमाल

मरने के बाद शव को दान करना निस्वार्थ कार्य है। इससे मेडिकल जगत को फायदा होता है। शव के ऊपर नए तरह से रिसर्च की जा सकती है। मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र मानव शरीर की रचना को और बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। सर्जन ऑपरेशन की नई विधी खोज सकते हैं। पहले से पता टेक्नीक को और अच्छे से करने की प्रैक्टिस कर सकते हैं। कई दफा वैज्ञानिक ऐसे शव की मदद से नए-पुराने रोगों की पहचान करने, उनके बारे में और जानकारी जुटाने में इस्तेमाल करते हैं।

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