गाजियाबाद की सोसाइटी में किराये के फ्लैट में चल रहा था सेक्स रैकेट, रेड में मिलीं 5 महिलाएं और 1 ग्राहक
गाजियाबाद के कौशांबी थाना क्षेत्र के वैशाली स्थित एक सोसाइटी के फ्लैट में चल रहे सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने फ्लैट में छापेमारी के दौरान सेक्स रैकेट की संचालिका और एक ग्राहक को गिरफ्तार करने के साथ ही चार महिलाओं को भी रेस्क्यू किया है।
गाजियाबाद के कौशांबी थाना क्षेत्र के वैशाली स्थित एक सोसाइटी के फ्लैट में चल रहे सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने फ्लैट में छापेमारी के दौरान सेक्स रैकेट की संचालिका और एक ग्राहक को गिरफ्तार करने के साथ ही चार महिलाओं को भी रेस्क्यू किया है।
गाजियाबाद पुलिस को वैशाली सेक्टर चार स्थित एक सोसाइटी के एक फ्लैट में देह व्यापार होने की पुलिस को सूचना मिली थी। एसीपी क्राइम अजय कुमार सिंह ने पुलिस बल के साथ मिलकर छापेमारी की तो हड़कंप मच गया। पूछताछ करने पर पता चला कि एक महिला वहां किराये पर फ्लैट लेकर कई माह से देह व्यापार करा रही थी, जबकि संचालिका का उसी सोसाइटी में खुद का अपना भी फ्लैट है। पुलिस ने छापेमारी कर मौके से दुजाना, बादलपुर निवासी ग्राहक सुमित पुत्र रिषीपाल को भी धर दबोचा। छापेमारी के दौरान चार महिलाएं मिलीं, जिन्होंने बताया कि उन्हें ब्लैकमेल कर गलत काम कराया जा रहा था।
डीसीपी ने बताया कि छापेमारी के दौरान पुलिस टीम को मौके से दो मोबाइल फोन बरामद हुए। इन्हीं मोबाइल फोनों से ग्राहकों की बुकिंग की जाती थी। पुलिस के अनुसार मोबाइल फोन पर महिलाओं और युवतियों के फोटो भेजकर सौदा तय किया जाता था। सौदा तय होने पर ग्राहक को सोसाइटी की लोकेशन भेजी जाती थी, जिससे वह वहां आसानी से पहुंच सके।
सुरक्षित स्थान के चलते चुना फ्लैट : अनैतिक देह व्यापार को लेकर लगातार होने वाली पुलिस की छापेमारी से बचने के लिए संचालिका ने सोसाइटी के फ्लैट को सुरक्षित स्थान चुना और फिर किराये पर फ्लैट लेकर वहां देह व्यापार करना शुरू कर दिया, लेकिन लगातार लोगों के आने-जाने के चलते सोसाइटी के लोग भी परेशान थे। इससे सोसाइटी की सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि देह व्यापार कराने वाली महिला का पति कुछ कमाता नहीं है, जिसके चलते उसने यह धंधा शुरू किया था। डीसीपी निमिष पाटील ने बताया कि सोसाइटी के अंदर फ्लैट में इस तरह से देह व्यापार का होना पहली बार सामने आया है। अब ऐसे में वहां प्रत्येक फ्लैट में रहने वाले लोगों का सत्यापन कराया जाएगा। साथ ही वहां की आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों से भी इस बारे में पूछताछ की जाएगी।