DU लॉ फैकल्टी में एग्जाम डेट को लेकर बवाल, डीन का घेराव; कैंपस में पुलिस फोर्स तैनात
दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर में सोमवार को कानून के छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन किया। परीक्षा शेड्यूल (कार्यक्रम) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान छात्रों और पुलिस के बीच हाथापाई हुई। छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।
दिल्ली विश्वविद्यालय में परीक्षा की तिथि और समय सीमा बढ़ाने की मांग को लेकर चल रहा छात्रों का विरोध प्रदर्शन देर शाम उग्र हो गया। रात 11 बजे के बाद तक छात्रों का प्रदर्शन डीयू के नार्थ कैंपस स्थित लॉ फैकल्टी में चलता रहा। इसमें एनएसयूआई, समाजवादी सभा सहित वामपंथी छात्र संगठनों के शामिल होने की सूचना है।
डीयू के एक अधिकारी ने बताया कि छात्रों ने मांगे न माने जाने पर डीन का घेराव किया और उनको देर तक बैठाए रखा। जब शाम को प्रदर्शन समाप्त नहीं हुआ तो बड़ी संख्या में यहां पुलिस बल की तैनाती हुई। इसके बाद छात्रों का प्रदर्शन उग्र हो गया। छात्रों का जमावड़ा धीरे-धीरे लॉ फैकल्टी, आर्ट फैकल्टी में होने लगा। डीयू के तीन सुरक्षा गार्डों के घायल होने की सूचना है। हालांकि किसी को गंभीर चोट की सूचना नहीं है।
छात्रों ने डीयू लॉ फैकल्टी प्रशासन पर अधूरे पाठ्यक्रम और अंतिम समय में जल्दबाजी में पाठ्यक्रम पूरा करने, सत्र के दौरान पाठ्यक्रम व्यवस्थित रूप से नहीं पढ़ाने, अक्टूबर में शिक्षकों की नियुक्ति और बार-बार बदलाव से अकादमिक कार्यक्रम में बाधा, परीक्षा फॉर्म में त्रुटियों के कारण छात्रों को असुविधा सहित अन्य समस्याएं प्रशासन के समक्ष साझा की।
छात्रों ने मांग की कि परीक्षा की तिथियों को स्थगित किया जाए और प्रशासन बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करे ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं न हों। इसके अलावा छात्रों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाए।
वहीं पूरे मामले पर डीसीपी राजा बांठिया ने कहा, ‘हमें डीयू प्रशासन और प्रॉक्टर लॉ फैकल्टी से अनुरोध मिला कि उन्हें (फैकल्टी और अन्य कर्मचारियों को) बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है क्योंकि छात्रों ने एग्जिट मार्ग को ब्लॉक कर दिया था। पुलिस वहां पहुंची- एक कॉरिडोर बनाया और उन्हें (डीन सहित फैकल्टी और कर्मचारियों को) बाहर जाने में मदद की क्योंकि नाराज छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। मेरे पास मौजूद जानकारी के अनुसार, पहले घोषित तारीख के अनुसार परीक्षा 26 दिसंबर से होने वाली थीं, जिन्हें रोक दिया गया है और अब परीक्षा की तारीख को लेकर फैसला करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी।’