AAP को कुचलना चाहती है सरकार, सत्येंद्र जैन के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगने पर भड़के संजय सिंह
आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार का राष्ट्रपति से पार्टी नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगना एक 'राजनीतिक साजिश' है, जिसका मकसद 'आप' को 'कमजोर' करना है।
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आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार का राष्ट्रपति से पार्टी नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगना एक 'राजनीतिक साजिश' है, जिसका मकसद 'आप' को 'कमजोर' करना है। 'आप' की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, सिंह ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी को निशाना बनाने के लिए कर रही है।
सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राष्ट्रपति से मंजूरी देने का अनुरोध किया है। सिंह ने कहा, 'इससे साबित होता है कि सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी अवैध और दुर्भावनापूर्ण थी, जिसकी योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने बनाई थी। बिना किसी औचित्य के उन्हें 23 महीने तक जेल में रखने के बाद अब वे हमारे वकीलों के अदालत में आपत्ति जताने के बाद अभियोजन की मंजूरी मांग रहे हैं।'
उन्होंने दावा किया, 'जैन के घर से कुछ भी बरामद नहीं हुआ। उन्हें जमानत मिल गई, फिर भी उन्हें करीब दो साल तक जेल में रखा गया। ठीक यही उन्होंने अरविंद केजरीवाल के साथ किया। ये गिरफ्तारियां कभी न्याय के लिए नहीं थीं। ये केवल 'आप' को कुचलने के लिए थीं।' सिंह ने मांग की कि प्रधानमंत्री मोदी और ईडी को देश, जैन के परिवार और दिल्ली की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
आप नेता ने कहा, 'उन्होंने बिना पूर्व अनुमति के एक मंत्री और यहां तक कि एक मुख्यमंत्री को भी गिरफ्तार कर लिया और अब गृह मंत्रालय और मोदी सरकार को भी अपनी गलती स्वीकार करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।' सूत्रों ने बताया कि 60 साल के राजनेता के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 218 के तहत अनुमति मांगी गई है। उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच और 'पर्याप्त सबूत' की मौजूदगी के आधार पर भारत के राष्ट्रपति से मंजूरी के लिए अनुरोध किया है।