RPF कॉन्स्टेबल परीक्षा में ब्लूटूथ से कराई जा रही थी नकल, नोएडा में अभ्यर्थी समेत 2 गिरफ्तार, 6 पर FIR
आरपीएफ कॉन्स्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा में ब्लूटूथ से नकल करने और कराने वाले गिरोह का नोएडा पुलिस ने रविवार को पर्दाफाश कर दिया। परीक्षा केंद्र इंचार्ज ने अभ्यर्थी समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) कॉन्स्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा में ब्लूटूथ से नकल करने और कराने वाले गिरोह का नोएडा पुलिस ने रविवार को पर्दाफाश कर दिया। पुलिस ने अपनी मेज के नीचे एक इलेक्ट्रिक डिवाइस लगाकर नकल कर रहे अभ्यर्थी और उसकी मदद करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला है कि नकल कराने के लिए चार लाख रुपये में सौदा हुआ था। 50 हजार रुपये एडवांस भी दे दिए गए थे। परीक्षा केंद्र इंचार्ज ने अभ्यर्थी समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
नोएडा सेक्टर-62 में आईऑन डिजिटल जोन में रेलवे की ओर से पुलिस फोर्स में कॉन्स्टेबल पद के लिए भर्ती करने के लिए 2 मार्च से 18 मार्च के बीच लिखित परीक्षा कराई जा रही है। 7 मार्च को भी सेंटर पर परीक्षा आयोजित हो रही थी। सेंटर इंचार्ज भवनेश पचौरी ने पुलिस को बताया कि मुजफ्फरनगर के गांव तुलहेड़ी निवासी आजाद परीक्षा दे रहा था। इस दौरान परीक्षा कक्ष निरीक्षक छत्रपाल को संदेह हुआ कि आजाद किसी व्यक्ति से बात कर रहा है। उसके आसपास बैठे अभ्यर्थी चुप थे। संदेह होने पर जांच की गई तो आजाद के कान में एक ब्लूटूथ डिवाइस लगी मिली। उसकी मेज के नीचे एक इलेक्ट्रिक डिवाइस पकड़ा गया। इन डिवाइस की मदद से वह किसी अन्य व्यक्ति से बात कर रहा था और परीक्षा में आए प्रश्नों को हल कर रहा था। सभी इलेक्ट्रिक डिवाइस को कब्जे में लेकर पूछताछ की गई।
आजाद ने उन्हें बताया कि उसके भाई असलम से मेरठ के मवाना निवासी राहुल और पंकज निवासी जिला मुजफ्फरनगर गांव हासमपुर ने लिखित परीक्षा में पास कराने का दावा किया था। इसकी एवज में उसने चार लाख रुपये मांगे थे। बड़े भाई ने 50 हजार रुपये एडवांस दे दिए थे। शुक्रवार को जब सेंटर पर आजाद पहुंचा तो उसे बताया गया कि सातवें फ्लोर की लैब के वॉशरूम में एक ब्लूटूथ और इलेक्ट्रिक डिवाइस ब्रिक्स कंपनी के कर्मचारी अर्जुन डागर द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। आजाद सेंटर पर पहुंचा और वॉशरूम से दोनों इलेक्ट्रिक डिवाइस लेकर कक्ष में बैठ गया। परीक्षा के दौरान प्रश्नों के जवाब देने वाले के संबंध में आजाद से पूछा तो वह उसका नाम नहीं बता पाया। टीम ने परीक्षार्थी आजाद और कंपनी के कर्मचारी अर्जुन डागर को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। शनिवार को पुलिस टीम ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
न पकड़े जाने का दावा
सेंटर में जाने से पहले सभी अभ्यर्थियों की चेकिंग की जाती है। ऐसे में परीक्षा के दौरान इस प्रकार की डिवाइस लेकर जाना संभव नहीं था। इस सवाल पर परीक्षा पास कराने का ठेका लेने वालों ने दावा किया था कि डिवाइस उसे अंदर ही मिल जाएगी। घबराने की जरूरत नहीं है। वह पकड़ा नहीं जाएगा। उसे सिर्फ सवाल पढ़कर इस प्रकार बोलने हैं कि कक्ष निरीक्षक तक उसकी आवाज न पहुंचे, लेकिन परीक्षार्थी आजाद को जिसका डर था, वही हुआ।
मोबाइल बंद कर अन्य आरोपी फरार
एडीसीपी सुमित कुमार शुक्ला का कहना है कि दो आरोपियों को जेल भेजने के बाद पुलिस की टीम अब आजाद के भाई असलम, राहुल, पंकज और सुमित को तलाश रही है। दो टीमें चारों आरोपियों को पकड़ने में जुटी हैं। पुलिस का कहना है कि दो आरोपियों के पकड़े जाने के बाद से अन्य आरोपी मोबाइल फोन बंद करके फरार हैं। टीमें संभावित स्थान पर दबिश दे रही हैं, जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
परीक्षा केंद्र पर जांच तेज की गई
आरपीएफ कॉन्स्टेबल पद की लिखित परीक्षा में ब्लूटूथ डिवाइस पकड़ में आने के बाद सेंटर के अधिकारी और अधिक सक्रिय हो गए हैं। इसके बाद से सेंटर पर परीक्षा देने आने वाले अभ्यर्थियों की गहनता से चेकिंग की जा रही है। सेंटर पर तैनात पर्यवेक्षकों को सतर्क रहने के निर्देश मिले हैं। केंद्र पर टीम परीक्षा के दौरान लगातार चेकिंग भी कर रही है, किसी तरह का संदेह होने पर सख्ती से पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों का दावा है कि केंद्र पर किसी भी सूरत में नकल नहीं होने दी जाएगी।