सफदरजंग अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों को राहत, अब जांच के लिए नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital) में मरीजों को जांच कराने के लिए अब लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अस्पताल के रेडियो डायग्नोसिस विभाग में शनिवार को नई 3 टेस्ला एमआरआई मशीन का शुभारंभ किया गया।
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital) में मरीजों को जांच कराने के लिए अब लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अस्पताल के रेडियो डायग्नोसिस विभाग में शनिवार को नई 3 टेस्ला एमआरआई मशीन का शुभारंभ किया गया।
इस अत्याधुनिक मशीन के माध्यम से कई तरह के रोगों की जांच और आसान हो जाएगी। डॉक्टरों को जांच का बेहतर और सटीक परिणाम मिल सकेगा, जिससे इलाज की गुणवत्ता भी बढ़ जाएगी। इसका उद्घाटन मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. वंदना तलवार, प्राचार्य डॉ. गीतिका खन्ना और एएमएस डॉ. पीएस भाटिया ने किया।
रेडियोडायग्नोसिस विभाग की अध्यक्ष डॉ. अमिता मलिक ने कहा कि इस अत्याधुनिक एमआरआई मशीन के मिलने से मरीजों को उच्चतम गुणवत्ता का इलाज दिए जाने के संकल्प को पूरा करने में और मदद मिलेगी। इस मशीन में इस्तेमाल आधुनिक तकनीक से बेहतर इमेज मिल सकेंगी, जिससे रोगों की पहचान और निदान भी आसान और सटीक हो सकेगा। उन्होंने बताया कि मरीज का बेहतर इलाज उसकी जांच के परिणाम पर निर्भर करता है।
डॉ. वंदना तलवार ने कहा कि नई एमआरआई मशीन के शुरू होने से मरीजों को फायदा होने के साथ-साथ जांच के लिए उनके इंतजार का समय भी काफी कम हो जाएगा। इस मशीन में कई विशेषताएं हैं, जिनमें हाई रेज्यूलेशन तस्वीरें लेना और स्कैनिंग को बहुत तेजी से किया जाना शामिल है।
सुरक्षा नहीं मिलने पर रेजिडेंट डॉक्टर नाराज
वहीं, दूसरी ओर पूर्वी दिल्ली स्थित गुरु तेग बहादुर अस्पताल में आए दिन डॉक्टरों से अभद्रता और मारपीट के मामले सामने आने के बाद भी सुरक्षा नहीं बढ़ाई गई है। करीब दो महीने पहले कई दिन तक आंदोलन के बाद स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और प्रशासन के उच्चाधिकारियों ने रेजिडेंट डॉक्टरों को परिसर में सुरक्षा बढ़ाने का आश्वासन दिया था। दो दिन पहले फिर हुई ऐसी घटनाओं से रेजिडेंट डॉक्टरों में नाराजगी है। उनका कहना है कि सुरक्षा के लिए दिए गए लिखित आश्वासनों को पूरा करने के लिए रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन प्रबंधन से वार्ता करेगी।
एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. निश्चल का कहना है कि जीटीबी अस्पताल में महिला डॉक्टर को चाकू दिखाकर डराने, अस्पताल में घुसकर मरीज को गोली मारने, इसके बाद ब्लड बैंक में स्टाफ के साथ बदसलूकी और प्रसूति गृह में जाकर डॉक्टर को धमकाने समेत कई अन्य घटनाएं हो चुकी हैं। मरीज को गोली मारने की घटना के बाद डॉक्टरों ने कई दिन तक सुरक्षा की मांग के लिए आंदोलन किया था। इसके बाद प्रबंधन ने परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाने, सिक्योरिटी एजेंसी बदलने और हथियार लेकर आने वाले लोगों को रोकने के लिए मेटल डिटेक्टर लगवाने का आश्वासन दिया था। दो महीने बीतने के बाद भी इनमें से एक भी वादा पूरा नहीं किया गया।
विशेष सचिव के आदेश पर भी नहीं हुआ अमल
बीते दिनों स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के विशेष सचिव एसके जैन ने दिल्ली सरकार के अधीन अन्य सभी अस्पतालों को सुरक्षा बढ़ाने के 5 सितंबर तक पॉलिसी और एक्शन प्लान बनाकर पेश किए जाने और 6 सितंबर से इसे लागू करने के निर्देश दिए थे। रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन का कहना है कि इन आदेशों के बावजूद अभी तक सुरक्षा के स्तर पर कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।