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मकान रिलीज करवा दीजिए, दिल्ली पुलिस को दें आदेश; जिस फ्लैट में हुआ था श्रद्धा वॉकर का मर्डर उसका मालिक पहुंचा कोर्ट

दिल्ली के महरौली स्थित जिस फ्लैट में तीन साल पहले आफताब पूनावाला ने अपनी लिवइन पार्टनर श्रद्धा वॉकर की हत्या करके उसके टुकड़े-टुकड़े किए थे, उसके मालिक ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। अदालत ने गुरुवार को मकान मालिक द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की।

Sneha Baluni नई दिल्ली। हिन्दुस्तान टाइम्सWed, 16 April 2025 11:00 AM
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मकान रिलीज करवा दीजिए, दिल्ली पुलिस को दें आदेश; जिस फ्लैट में हुआ था श्रद्धा वॉकर का मर्डर उसका मालिक पहुंचा कोर्ट

दिल्ली के महरौली स्थित जिस फ्लैट में तीन साल पहले आफताब पूनावाला ने अपनी लिवइन पार्टनर श्रद्धा वॉकर की हत्या करके उसके टुकड़े-टुकड़े किए थे, उसके मालिक ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। अदालत ने गुरुवार को मकान मालिक द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की, जिसमें उसने दिल्ली पुलिस को अपने मकान को रिलीज (मुक्त) कराने का आदेश देने की मांग की है।

इस महीने की शुरुआत में साकेत कोर्ट की एडिशनल सेशन जज मनीषा खुराना कक्कड़ की अदालत में दायर आवेदन में मकान मालिक ने दलील दी है कि उसकी प्रॉपर्टी- महरौली के छतरपुर पहाड़ी में पहली मंजिल का फ्लैट, पुलिस के कब्जे से उसे वापस सौंप दिया जाना चाहिए क्योंकि मामले में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है और ट्रायल अंतिम चरण में है। उनके अनुसार, फ्लैट के सभी भौतिक साक्ष्य और तस्वीरें पहले से ही केस रिकॉर्ड का हिस्सा हैं।

हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि अगर फ्लैट का कब्जा मकान मालिक को वापस सौंप दिया जाता है तो अभियोजन पक्ष के मामले पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। पुलिस ने जवाब में कहा कि सीआरपीसी की धारा 310 के तहत अदालत द्वारा फ्लैट का स्थानीय निरीक्षण करने की जरूरत हो सकती है, जिसके लिए सबूत रिकॉर्ड करने से पहले परिस्थितियों से इनकार नहीं किया जा सकता है। सीआरपीसी की धारा 310 जज या मजिस्ट्रेट को किसी मामले की सुनवाई के दौरान पेश सबूतों को समझने के लिए उस स्थान का दौरा करने और निरीक्षण करने की अनुमति देती है, जहां कथित अपराध हुआ था।

18 मई 2022 को, 28 साल के प्रशिक्षित शेफ आफताब पूनावाला ने कथित तौर पर अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वॉकर की हत्या कर दी और उसके शव को कई टुकड़ों में काट दिया। इसके बाद पूनावाला ने वॉकर के शरीर के अंगों को कुछ दिनों तक 300 लीटर के फ्रिज में रखा और फिर अगले 18 दिनों तक छतरपुर के जंगल में फेंकता रहा। 12 नवंबर, 2022 को दिल्ली पुलिस ने आफताब को तब गिरफ्तार किया, जब उसके बयान में विसंगतियां मिलीं। केस सामने आने के बाद से ही छतरपुर का फ्लैट बंद है और केस रिकॉर्ड का हिस्सा है।

मकान मालिक ने याचिका में कहा है कि फ्लैट पिछले एक साल से अधिक समय से पुलिस की हिरासत में है और इसकी मरम्मत की जरूरत है। फ्लैट के केस प्रॉपर्टी बनने के कारण उसे किराये की आय का नुकसान हो रहा है। आवेदन में कहा गया है कि उसने 16 मई 2022 को आरोपी आफताब पूनावाला और मृतक श्रद्धा वॉकर को फ्लैट किराए पर दिया था। घटना के बाद महरौली पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने जांच के मकसद से फ्लैट को बंद कर दिया था और उसे अपने कब्जे में ले लिया था।

आवेदन में कहा गया है, "मामले की सुनवाई समाप्त होने तक अनिश्चित अवधि के लिए संपत्ति को अपने पास रखना सही और न्याय हित में नहीं है। इसलिए उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए फ्लैट को जल्द से जल्द रिलीज किया जाए।" दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद और मधुकर पांडे के नेतृत्व में अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि गवाही जारी है और अदालत के सामने कई गवाहों से दोबारा पूछताछ की जा रही है। अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि सबूत को पूरी तरह से समझने के लिए जज द्वारा घटनास्थल के स्थानीय निरीक्षण की जरूरत हो सकती है।

पुलिस ने कहा, "इस मामले में फ्लैट को रिलीज करने के लिए इस तरह के अनुरोध को स्वीकार करना न केवल मुकदमे के इस चरण में अनुचित और गलत होगा, बल्कि अभियोजन पक्ष के मामले के लिए भी हानिकारक हो सकता है।" अदालत ने आवेदन पर बहस और मामले में आगे की कार्यवाही के लिए केस की अगली सुनवाई 17 अप्रैल निर्धारित की है। मामले में फिलहाल अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।

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