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राजू निकला इंद्रराज, लापता-अपहरण की फर्जी कहानियों से 9 परिवारों को दे चुका धोखा; राजस्थान से जुड़ा लिंक

खुद के अपहरण की झूठी कहानी रच देहरादून और गाजियाबाद के खोड़ा में फर्जी बेटा बनकर रहने वाला राजू असल में राजस्थान का इंद्रराज निकला। मंगलवार को डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल लिए जाने के बाद राजू टूट गया और उसने अपने फर्जीवाड़े की परतें खोल दीं।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, गाजियाबाद। हिन्दुस्तानThu, 5 Dec 2024 06:22 AM
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खुद के अपहरण की झूठी कहानी रच देहरादून और गाजियाबाद के खोड़ा में फर्जी बेटा बनकर रहने वाला राजू असल में राजस्थान का इंद्रराज निकला। मंगलवार को डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल लिए जाने के बाद राजू टूट गया और उसने अपने फर्जीवाड़े की परतें खोल दीं। उससे पूछताछ में यह भी सामने आया कि वह अब तक लापता और अगवा होने की झूठी कहानी बताकर नौ परिवारों को धोखा दे चुका है। 23 नवंबर को राजू नाम का एक युवक खोड़ा थाने पहुंचा था। उसने पुलिस को बताया था कि वर्ष 1993 में वह स्कूल से घर आ रहा था, इसी दौरान कुछ लोगों ने उसे अगवा कर लिया और राजस्थान लेकर चले गए। वहां उसे झोपड़ी में रखकर उसे यातनाएं दी गईं और फिर बकरियां चराने का काम सौंप दिया गया।

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पुलिस ने जांच की तो 31 साल पहले एक गुमशुदगी दर्ज मिली। गुमशुदी दर्ज कराने वाले परिवार को बुलाया तो राजू ने उन्हें अपना माता-पिता बताया। इसके बाद खोड़ा पुलिस ने राजू को परिवार के हवाले कर दिया था। दो दिन बाद ही पता चला कि राजू इसी तरह देहरादून के परिवार के साथ भी अप्रैल 2024 से नवंबर 2024 तक साथ रहा। वहां भी उसने अपने अपहरण की फर्जी कहानी रची थी। 21 नवंबर को नौकरी की तलाश करने के बहाने दिल्ली जाने की बात कहकर वह देहरादून से आ गया था। फर्जीवाड़े का पता लगने पर खोड़ा पुलिस ने राजू को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी। पुलिस ने 3 दिसंबर को राजू और खोड़ा निवासी उसके कथित पिता का सैंपल लेकर डीएनए को भेजा तो राजू टूट गया। उसने बताया कि वह राजू नहीं, बल्कि राजस्थान का रहने वाला इंद्रराज है।

हर जगह लापता और अगवा होने की फर्जी कहानी रची

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पता चला है कि इंद्रराज उर्फ राजू बीते चार सालों में नौ परिवारों की भावनाओं से खिलवाड़ कर चुका है। वह इन नौ परिवारों में बेटा बनकर रहा और कुछ महीनों के बाद बहाने बनाकर निकल गया। हर जगह वह अपने लापता होने और अगवा होने की फर्जी कहानी रचता था। अब तक खोड़ा के अलावा देहरादून और राजस्थान के सीकर में 3 परिवार ट्रेस हो गए हैं, जबकि बाकी परिवारों से पुलिस संपर्क साध रही है। पुलिस का कहना है कि राजू ने सिर्फ परिवारों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया। उसने किसी भी परिवार में चोरी, ठगी या कोई अन्य आपराधिक वारदात नहीं की।

पिता ने 13 साल पहले राजू को कर दिया था बेदखल

राजू की असली पहचान उजागर होने के बाद पुलिस ने राजस्थान में रहने वाले उसके परिजनों से संपर्क साधा। पुलिस को पता चला कि राजू का असली नाम इंद्रराज है और पिता का नाम चुन्नीलाल है। इंद्रराज के परिवार में माता-पिता के अलावा एक भाई और दो बहनें हैं। इंद्रराज बचपन से ही खुराफाती था, जिसके चलते उसके पिता ने वर्ष 2011 में उसे अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया था। इसके बाद इंद्रराज घर से निकल गया और अपना नाम राजू रख लिया।

शहीदनगर निवासी निवासी तुलाराम और उनका परिवार राजू को अपने बेटे के रूप में पाकर बहुत खुश था, लेकिन राजू का राज खुलने के बाद तुलाराम ने उससे पल्ला झाड़ लिया। तुलाराम का कहना है कि डीएनए रिपोर्ट अगर मिलान हो जाती है, तो भी वह राजू को बेटे के रूप में नहीं अपनाएंगे। हालांकि, उनकी पत्नी ने राजू को अपनाने की बात कही है। बता दें कि, तुलाराम का बेटा वर्ष 1993 से लापता है। राजू ने जिस तरह से कहानी बताई, उससे पुलिस के साथ-साथ तुलाराम का परिवार भी चकमा खा गया। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस जल्द ही प्रेसवार्ता कर राजू के फर्जीवाड़े का खुलासा कर सकती है।

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