Hindi Newsएनसीआर न्यूज़pil in delhi high court to release sonam wangchuk and 120 others who detained today

सोनम वांगचुक को रिहा करो; हाई कोर्ट में लगाई गई अर्जी, कोर्ट की क्या शर्त

सोनम वांगचुक समेत 120 लोगों को उस समय हिरासत में लिया गया जब वे लद्दाख के लिए छठी अनुसूची में दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर राजधानी की ओर मार्च कर रहे थे।

Aditi Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 1 Oct 2024 02:30 PM
share Share

दिल्ली की सीमा पर पुलिस हिरासत में लिए गए जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुका का मामला अब दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गया है। उनको जल्द रिहा करने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की अगुवाई वाली पीठ 3 अक्टूबर, 2024 को मामले की सुनवाई के लिए सहमत हो गई है बशर्ते कि याचिकाकर्ता आज दोपहर 3:30 बजे तक सभी आवश्यक दस्तावेज दाखिल करें। इस याचिका में सोनम वांगचुके साथ हिरासत में लिए गए अन्य 120 लोगों की रिहाई की मांग भी की गई है।

बता दें, सोनम वांगचुक समेत 120 लोगों को उस समय हिरासत में लिया गया जब वे लद्दाख के लिए छठी अनुसूची में दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर राजधानी की ओर मार्च कर रहे थे। वांगचुक, एक महीने पहले लेह से शुरू हुई ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ का नेतृत्व कर रहे हैं। 

पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, वांगचुक और उनके साथ आए लोगों को निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के लिए दिल्ली सीमा पर हिरासत में लिया गया और उन्हें बवाना, नरेला औद्योगिक क्षेत्र और अलीपुर सहित विभिन्न पुलिस थानों में ले जाया गया। अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने उन्हें वापस जाने के लिए समझाने की कोशिश की क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 163 (जो पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाती है) लागू है, लेकिन वे अड़े रहे।’’

सोनमवांगचुक ने शुरू किया अनशन

सोनम वांगचुक और दिल्ली सीमा पर हिरासत में लिए गए अन्य लोगों ने मंगलवार को उन पुलिस थानों पर अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया जहां उन्हें रखा गया है। वहीं आम आदमी पार्टी ने भी सोनम वांगचुक को हिरासत में लिए जाने का विरोध किया है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार सुबह सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर इस मुद्दे को लेकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने लिखा, दिल्ली में आने से कभी किसानों को रोकते हैं, कभी लद्दाख के लोगों को रोकते हैं। क्या दिल्ली किसी एक शख़्स की बपौती है? दिल्ली देश की राजधानी है। दिल्ली में आने का सब को अधिकार है। ये सरासर गलत है। निहत्थे शांतिपूर्ण लोगों से आखिर इन्हें क्या डर लग रहा है?

वहीं दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें सोनम वांगचुक से मिलने नहीं दिया। उन्होंने इसे एलजी और बीजेपी की तानाशाही करार दिया है।

भाषा से इनपुट

अगला लेखऐप पर पढ़ें