2025 में लोगों की परेशानी होगी दूर, ग्रेटर नोएडा को मिलेगी इलेक्ट्रिक बसों की सौगात; क्या है प्लान
साल 2025 में ग्रेटर नोएडा वासियों को सार्वजनिक आंतरिक परिवहन सेवा के रूप में इलेक्ट्रिक बसों के रूप में बड़ा तोहफा मिलने की उम्मीद है। सिटी बसें चलने पर ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टरों में पहुंचना आसान हो जाएगा।
साल 2025 में ग्रेटर नोएडा वासियों को सार्वजनिक आंतरिक परिवहन सेवा के रूप में इलेक्ट्रिक बसों के रूप में बड़ा तोहफा मिलने की उम्मीद है। बसों के संचालन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। रूटों का निर्धारण, चार्जिंग स्टेशन के लिए स्थान चिन्हित करने के बाद अब निविदा जारी करने की प्रक्रिया चल रही है। सिटी बसें चलने पर ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टरों में पहुंचना आसान हो जाएगा।
दरअसल ग्रेटर नोएडा में मौजूदा समय में आंतरिक परिवहन की सुविधा नहीं है, जबकि शहर को बसे हुए 33 साल से ज्यादा हो गए। सेक्टरों के बीच आवागमन की कोई सुविधा न होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नहीं है। ऑटो ही एकमात्र सहारा है। इस कमी को दूर करने के लिए पूर्व में सिटी बसों का संचालन किया गया, लेकिन व्यवस्था सफल नहीं हो पाई। अब एक बार फिर आंतरिक परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए ई- बसों के संचालन की तैयारी चल रही है। इसकी मॉनिटरिंग शासन स्तर पर की जा रही है। ऐसे में वर्षों का इंतजार साल 2025 में खत्म होने की उम्मीद है।
योजना के मुताबिक ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सभी सेक्टरों को ई- बसों से जोड़ा जाएगा। ग्रेटर नोएडा में 9 रूटों का निर्धारण किया गया है। पूरे जिले की बात करें तो सिटी बस सेवा के रूप में 24 रूटों पर 500 इलेक्ट्रिक बसें दौड़ेंगी। बसों का संचालन नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण मिलकर करेंगे। प्रत्येक बस के लिए 24 घंटे में 200 किलोमीटर का सफर तय करना अनिवार्य होगा। ग्रेटर नोएडा में 196 बसें चलाई जाएंगी। प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह ने बताया कि बसों संचालन के लिए नियम और शर्तों को तैयार कर जनवरी माह में निविदा जारी कर दी जाएगी।
हाईटेक होंगी इलेक्ट्रिक बस
सिटी बसें अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होंगी। यात्रियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे और जीपीएस ट्रैकर की सुविधा होगी। सीटों की गुणवत्ता भी अन्य बसों की तुलना में काफी आरामदायक होगी। तीनों प्राधिकरण अपनी बसें खरीदकर या निजी बस कांट्रेक्टर से अनुबंध कर इलेक्ट्रिक बसें चलाएंगे। बसों के संचालन करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी कर दी गई है। योजना में तीनों प्राधिकरण का करीब 600 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
हर 15 मिनट में संचालन
प्राधिकरण अधिकारी के मुताबिक दो तरह की बसों का संचालन किया जाएगा। इसमें 9 मीटर और 12 मीटर की बसें होंगी। इसके लिए हर रूट पर चार्जिंग प्वाइंट विकसित किए जाएंगे। इस तरह से योजना बनाई जा रही है कि यात्रियों को बस के लिए लंबा इंतजार न करना पड़े।