रेलवे ने कर दी यात्रियों की मौज, इस बार दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ स्पेशल ट्रेनों में मिलेंगी 55 लाख सीटें
दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ में काफी संख्या में लोग घर जाते हैं। ट्रेन में टिकट नहीं मिलने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसको देखते हुए उत्तर रेलवे ने पुख्ता बंदोबस्त किए हैं, जिससे कि किसी को परेशानी नहीं हो।
त्योहारों के समय रेलगाड़ियों में होने वाली भीड़ को लेकर उत्तर रेलवे ने इस वर्ष विशेष बंदोबस्त किए हैं। बीते वर्ष जहां रेलगाड़ियों में लगभग 22 लाख अतिरिक्त सीटों का बंदोबस्त किया गया था, वहीं इस वर्ष 55 लाख से ज्यादा अतिरिक्त सीट विशेष रेलगाड़ियों के माध्यम से यात्रियों के लिए उपलब्ध कराई जाएंगी।
बीते वर्ष उत्तर रेलवे की ओर से कुल 1082 फेरे लगाए गए थे, जो इस वर्ष बढ़ाकर 2694 किए गए हैं। बीते वर्ष के मुकाबले 149 फीसदी ज्यादा विशेष रेलगाड़ियां उत्तर रेलवे चलाने जा रही है।
उत्तर रेलवे के मुख्य प्रवक्ता हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि भारतीय रेल की ओर से प्रत्येक वर्ष दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ पूजा के दौरान विशेष रेलगाड़ियों का संचालन किया जाता है। बीते वर्ष त्योहारों के दौरान जहां 1082 फेरे विशेष रेलगाड़ियों द्वारा लगाए गए थे। इस वर्ष विशेष रेलगाड़ियों द्वारा 2694 फेरे लगाने का निर्णय लिया गया है। यह विशेष रेलगाड़ियां आगामी एक अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच चलेंगी। यह गाड़ियां उत्तर रेलवे के विभिन्न स्टेशनों से चलेंगी, लेकिन इनमें से अधिकांश गाड़ियां पूर्व दिशा के लिए होंगी।
ज्ञात हो कि दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ में काफी संख्या में लोग घर जाते हैं। ट्रेन में टिकट नहीं मिलने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसको देखते हुए उत्तर रेलवे ने पुख्ता बंदोबस्त किए हैं, जिससे कि किसी को परेशानी नहीं हो।
बीते वर्ष के मुकाबले डेढ़ गुना ज्यादा फेरे लगेंगे
हिमांशु शेखर ने बताया कि दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ पर्व के अवसर पर लाखों लोग अपने घर जाते हैं और त्योहारों के बाद वापस आते हैं। यात्रियों की भारी भीड़ के कारण बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष डेढ़ गुना ज्यादा फेरे लगाए जाएंगे। इससे यात्रियों का सफर सुगम और आरामदायक होगा। यह विशेष रेलगाड़ियां 2694 फेरे लगाएंगी जिससे लगभग 55 लाख अतिरिक्त सीटों का बंदोबस्त होगा। वहीं पहले से चल रही गाड़ियों में कोच भी बढ़ाए जाएंगे, ताकि बिना परेशानी ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को उनके घर तक पहुंचाया जा सके।