एटीएस के 1145 खरीदारों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ
-अमिताभ कांत समिति के तहत बिल्डर ने कुल बकाये का 25 प्रतिशत यानी 130 करोड़
ग्रेटर नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के सेक्टर-22डी स्थित एटीएस रियल्टी और ग्रीनबे इंफ्रास्ट्रक्चर (एटीएस इंफ्रास्ट्रक्चर की ग्रुप कंपनी) प्रोजेकट में फंसे करीब 1145 फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ हो गया है। बिल्डर ने प्राधिकरण को अमिताभ कांत समिति के तहत कुल 668 करोड़ बकाये का 25 प्रतिशत यानी 130 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। जानकारी के मुताबिक यमुना विकास प्राधिकरण ने 12 जून 2013 को एटीएस रियल्टी को 100 एकड़ भूमि आवंटित की थी। बिल्डर पर जमीन आवंटन का 668 करोड़ रुपये बकाया है। बीते दिनों प्राधिकरण ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें लागू होने के बाद बिल्डर को 25 प्रतिशत के रूप में 132 करोड़ रुपये जमा कराने के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया था। बिल्डर कुछ पैसा पूर्व में ही जमा कर चुका है, जबकि अब 130 करोड़ रुपये भी बिल्डर की ओर से प्राधिकरण को चुका दिया गया है। बता दें कि 100 एकड़ भूमि में करीब 8.5 एकड़ पर बिल्डर ने आवासीय फ्लैट बनाए हैं, जिन्हें खरीदारों को हैंडओवर भी किया जा चुका है। वहीं, शेष भूमि अभी खाली है।
बिल्डर का कहना है कि खाली पड़ी जमीन पर किसानों का कब्जा है, जिस पर वह फसल उगाई समेत अन्य कार्य कर रहे हैं। प्राधिकरण का बकाया जमा करने के बाद वह भूमि को कब्जे में लेंगे और प्रोजेक्ट को आगे शुरू करेंगे। बकाया जमा होने से इस प्रोजेक्ट में फंसे 1145 खरीदारों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ हो गया है।
एटीएस ग्रुप के चेयरमैन गीताम्बर आनंद ने कहा कि अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें लागू होने से, जो राहत मिली है, उससे वह अपना रुका प्रोजेक्ट फिर से शुरू कर सकेंगे। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और फिल्म सिटी के चलते कंपनी का इरादा है कि यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे एटीएस होमक्राफ्ट ब्रांड के तहत अत्याधुनिक रिहाइशी टाउनशिप का निर्माण करें।
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