बाइक रेस के लिए दूसरा ट्रैक बनाने की तैयारी
ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र में बाइक रेसिंग ट्रैक बनाने की तैयारी है। डुकाटी कंपनी को सेक्टर-22एफ में 200 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव मिला। यह ट्रैक बाइक...
ग्रेटर नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र में बाइक रेसिंग के लिए नया ट्रैक बनाने की तैयारी चल रही है। प्राधिकरण ने मंगलवार को इसके लिए डुकाटी कंपनी के सामने सेक्टर-22एफ में 200 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव रखा। कंपनी यहां पर रेसिंग ट्रैक, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और ट्रेनिंग सेंटर बना सकती है। जानकारी के मुताबिक प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह और अन्य अधिकारियों के साथ मंगलवार को डुकाटी कंपनी के डायरेक्टर (सर्विस एंड सीएएस) सुनील कुमार शर्मा और मैनेजिंग डायरेक्टर बिपुल चंद्रा ने बैठक की। कंपनी के प्रतिनिधियों ने कहा कि वे भारत में ऐसे ट्रैक का निर्माण करना चाहते हैं, जहां पर बाइक रेसिंग के अलावा अभ्यास भी हो सके। फिलहाल क्षेत्र में जेपी बिल्डर द्वारा निर्मित बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में ट्रैक है। यहां पर बाइकर्स को रेसिंग और अभ्यास करना काफी महंगा पड़ता है। बीआईसी में रेस के लिए प्रति बाइकर्स को 50 से 60 हजार रुपये का भुगतान करना पड़ता है। ऐसे में बाइकर्स मुंबई या पुणे समेत अन्य क्षेत्रों में जाना पसंद कर रहे हैं।
इस पर प्राधिकरण ने कंपनी को भारत सरकार की एफडीआई योजना के बारे में बताया और कहा कि वह चाहें तो यीडा क्षेत्र में दूसरा ट्रैक बना सकते हैं, जहां पर रेसिंग के अलावा अभ्यास भी कराया जा सके। इसके लिए वह 75 प्रतिशत लैंड सब्सिडी पर सेक्टर-22एफ में 200 एकड़ जमीन देने के लिए तैयार है। यहां पर रेसिंग ट्रैक के अलावा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और ट्रेनिंग सेंटर भी बनाया जा सकता है। इस प्रस्ताव पर प्राधिकरण और कंपनी अधिकारियों के बीच काफी देर तक चर्चा हुई। प्राधिकरण ने कंपनी को इसकी डीपीआर तैयार कर प्रस्तुत करने के आदेश दिए, ताकि उसे सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके।
---भारत में तैयार हो सकेंगे बाइक रेसर
पिछले वर्ष बीआईसी में आयोजित मोटो जीपी रेस में केवल एक भारतीय बाइक रेसर ने हिस्सा लिया था। बाकी विदेशी थे। 365 किलोमीटर प्रति घंटे की न्यूनतम रफ्तार से शुरू हुई इस रेस में भारतीय बाइक रेसर पहले राइंड में ही बाहर हो गया था। उस समय यह चर्चा हुई थी कि भारत में बाइक रेसर तैयार करने का माहौल नहीं है और ना ही यहां पर ऐसे ट्रैक हैं, जहां बाइकर्स रेसिंग के लिए अभ्यास कर सके। अब यदि यह ट्रैक का प्रस्ताव धरातल पर उतरता है तो भारत में भी अच्छे बाइक रेसर तैयार हो सकेंगे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रफ्तार के रोमांच में हिस्सा ले सकेंगे।
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बॉर्डर से लौट दिए जा रहे बाइक रेसर
अक्सर देखा जाता है कि दिल्ली की ओर से प्रत्येक सप्ताह रविवार की सुबह छह बजे भारी संख्या में बाइक रेसर जिले में आते हैं। उनके पास डुकाटी, निंजा, हाया बुशा से लेकर तमाम ब्रांड की 15 से 20 लाख की बाइक होती हैं। सुगम सड़कों पर रेस करने के लिए यह बाइक रेसर जिले में आते हैं, लेकिन नोएडा यातायात पुलिस इन बाइस रेसर को बॉर्डर से ही वापस कर देती है। कई बार इनके चालान व बाइक को सीज भी किया जा चुका है। बीआईसी में अभ्यास महंगा होने के कारण नोएडा-ग्रेनो और यमुना एक्सप्रेसवे पर बाइक रेस के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं बचता है।
---कोट---
डुकाटी के प्रतिनिधियों को यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर-22एफ में 200 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव रखा गया है। इस प्रस्ताव के धरातल पर उतरने के बाद जिले के युवा बाइक रेसिंग में निखर सकेंगे। भारत के युवाओं में बाइक रेसिंग का काफी रुझान है।
-अरुणवीर सिंह, सीईओ, यमुना प्राधिकरण
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