Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नोएडाUttar Pradesh Accelerates Development of First Semiconductor Park near Noida International Airport

सेमीकंडक्टर इकाई लगाने के लिए तीन कंपनियों को मंजूरी

शासन ने कंपनियों का अनुमोदन केंद्र सरकार को भेजा कंपनियों को भूमि आवंटित करने की

Newswrap हिन्दुस्तान, नोएडाThu, 22 Aug 2024 05:55 PM
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ग्रेटर नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास प्रदेश के पहले सेमीकंडक्टर पार्क को विकसित करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। सेक्टर-10 में 100 एकड़ और सेक्टर-28 में 125 एकड़ में सेमीकंडक्टर बनाने के लिए तीन कंपनियों को उत्तर प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है। कंपनियों का अनुमोदन अब केंद्र सरकार को भेजा गया है। साथ ही, कंपनियों को भूमि आवंटित करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि सेमीकंडक्टर यूनिट लगाने के लिए सेक्टर-10 में कीन्स सेमीकॉन प्राइवेट लिमिटेड और वामा सुंदरी इंवेस्टमेंट (एचसीएल) ने 50-50 एकड़ और सेक्टर-28 में टार्क कंपनी ने 125 एकड़ भूमि की मांग की थी, जिसे शासन से मंजूरी मिल चुकी है। कंपनी का निर्माण शुरू करने के लिए केंद्र सरकार के अनुमोदन के लिए भेज दिया गया है। बताया गया कि 50 एकड़ में वामा कंपनी 13780 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएगी। यह कंपनी प्रति माह 2.40 लाख चिप बनाएगी। इसके संचालन के लिए 19 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ेगी और दो हजार एमएलडी पानी प्रतिदिन प्राधिकरण देगा। इसके अलावा कीन्स सेमीकॉन प्राइवेट लिमिटेड भी 50 एकड़ में इकाई स्थापित करेगी। कंपनी को छह केवीए बिजली की जरूरत पड़ेगी। सेक्टर-28 में टार्क कंपनी को 125 एकड़ भूमि दी जाएगी। इन कंपनियों को सेमीकंडक्टर के लिए न्यूनतम 40 से 80 हजार करोड़ रुपये तक निवेश करना होगा। कंपनियों में बैटरी और अडॉप्टर में लगने वाली चिप प्रमुख रूप से बनाई जाएंगी। वाहन, कंप्यूटर, लैपटॉप, सेलफोन आदि में सेमीकंडेक्टर सबसे अहम पार्ट होता है। चिप के यहां बनने से ऑटो मोबाइल सेक्टर में बड़े स्तर के बदलाव होने की उम्मीद है। इसकी कमी से वाहन बाजार में दिक्कत हो रही है।

सेमीकंडक्टर आमतौर पर सिलिकॉन चिप होती है। इनका इस्तेमाल कंप्यूटर, सेलफोन, गैजेट्स, वाहनों, माइक्रोवेव ओवन आदि में होता है। ये किसी प्रोडक्ट की कंट्रोलिंग और मेमोरी फंक्शन को ऑपरेट करती है। कंप्यूटर, सेलफोन, गैजेट्स, वाहनों की मांग बढ़ने पर सेमीकंडक्टर की मांग भी बढ़ जाती है। रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते सेमीकंडक्टर मांग के अनुरूप नहीं मिल पा रहे हैं। देश में कार की वेटिंग बढ़ने का एक कारण यह भी बताया जाता है।

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