सौर ऊर्जा की योजना से ढाई हजार से ज्यादा उपभोक्ताओं को होगा फायदा
-पांच वर्षों में सोलर कनेक्शन की लागत आ जाएगी वापस -सात प्रतिशत पर मिल
नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता। प्रधानमंत्री की सूर्य घर योजना से शहर के उपभोक्ता का बिजली बिल काफी कम हो गया है। योजना के तहत कनेक्शन लेने पर उपभोक्ताओं को अधिकतम एक लाख आठ हजार रुपये की सब्सिडी भी दी जा रही है। वहीं, कुल लागत की 80 फीसदी धनराशि पर सात प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर से बैंकों द्वारा ऋण भी दिया जा रहा है। पीएम सूर्य घर मुक्त बिजली योजना के तहत उपभोक्ताओं को एक किलोवाट से लेकर दस किलोवाट तक के सोलर कनेक्शन दिए जा रहे हैं। इसमें उपभोक्ताओं को न्यूनतम 45 हजार रुपये और अधिकतम एक लाख आठ हजार रुपये की सब्सिसी दी जा रही है। योजना के प्रचार से उपभोक्ता जागरूक हो रहे हैं। योजना के तहत जिले में लगाए जा रहे शिविर और जागरुकता की वजह से अभी तक करीब 500 उपभोक्ताओं के योजना के तहत कनेक्शन दिए जा चुके हैं और करीब 2500 उपभोक्ताओं के सोलर कनेक्शन देने की प्रक्रिया चल रही है। इसमें अधिकांश उपभोक्ताओं की सब्सिडी भी आ चुकी है। दावा है कि उपभोक्ताओं का बिल भी 50 प्रतिशत से ज्यादा कम हुआ है। योजना के तहत उपभोक्ता को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके साथ ही अपनी पसंद की एजेंसी का चयन करना होगा। इसके बाद कनेक्शन देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। सोलर सिस्टम कनेक्शन लगाने वाली एजेंसी के मालिक उमेश अग्रवाल ने बताया कि योजना के तहत बैंकों द्वारा सात प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर पर कुल लागत पर 80 फीसदी तक ऋण भी दिया जा रहा है।
यहां कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन
सोलर कनेक्शन लेने के लिए उपभोक्ता को वेबसाइट पीएमसूर्याघरडॉटजीओवीडॉटइन पर (pmsuryaghar.gov.in) पर जाना होगा। होम पेज पर उपभोक्ता को पहले पंजीकरण करना होगा। इसके बाद लॉगिंग करना होगा। इसके बाद उपभोक्ता को आवेदन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद एजेंसी का चयन करना होगा। यहां 250 से अधिक एजेंसियां सूचीबद्ध हैं। इनमें से उपभोक्ता अपनी पसंद की किसी भी एजेंसी का चयन कर सकता है। फिर कनेक्शन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
एक केवी कनेक्शन पर चार यूनिट बिजली का रोज होगा उत्पादन
एक केवी सोलर कनेक्शन लगने पर रोजाना चार यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। एक केवी सोलर सिस्टम लगाने के लिए उपभोक्ता को 10 वर्ग मीटर की जगह देनी होगी। इसी तरह किलोवाट बढ़ने के साथ यूनिट का उत्पादन अधिक होगा।
पांच वर्ष कंपनी करेंगी देखरेख
सोलर सिस्टम की पांच वर्षों तक कंपनी देखरेख करेगी। इन पांच वर्षों में किसी भी तरह की दिक्कतें आने पर संबंधित कंपनी की जिम्मेदारी होगी और कंपनी ही मरम्मत करेगी। इसके लिए उपभोक्ता, कंपनी और पावर कॉरपोरेशन के बीच करार भी होगा। विशेषज्ञों ने बताया कि सोलर सिस्टम 25 वर्षों तक चलता है। पांच वर्ष पूरे होने के बाद उपभोक्ता संबंधित एजेंसी से एएमसी कराके वारंटी को बढ़ा सकते हैं।
वर्जन
पर्यवरण संरक्षण के लिए सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देना चाहिए। सोलर कनेक्शन लगाने के बाद बिजली का बिल भी 50 प्रतिशत से अधिक कम हो चुका है। इससे कुल खर्च की लागत भी चार से पांच वर्षों में कम बिल से पूरी हो जाएगी या वापस मिल जाएगी। इसके बाद उपभोक्ता को बहुत ही कम शुल्क देना होगा।
-संजीव कुमार, उपभोक्ता, सेक्टर-51 महासचिव, आरडब्ल्यूए
वर्जन
लोगों ने अपने मकानों के अलावा इंडस्ट्रीज में भी सोलर प्लांट लगाए हुए हैं। एक समझौते के अनुसार उन्हें बिजली आपूर्ति दी जाती है और संबंधित उपभोक्ता से सोलर ऊर्जा की बिजली ली भी जाती है। लोगों का रुझान सोलर ऊर्जा की तरफ बढ़ रहा है।
-विवेक कुमार पटेल, अधीक्षण अभियंता, विद्युत निगम
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