बिल्डर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज
पीड़ित ने वर्ष 2013 में लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर में फ्लैट बुक किया था थाना स्तर
नोएडा, संवाददाता। बिल्डर ने खरीदार से फ्लैट की आधी रकम ले ली, लेकिन 11 वर्ष बाद भी फ्लैट पर कब्जा नहीं दिया। कोर्ट आदेश के बाद बिल्डर कंपनी के सात निदेशकों शक्ति नाथ, विक्रम नाथ, देवेंद्र मोहन सक्सेना, हेमंत शर्मा, दीलीप कुमार सिंह, मीना नाथ, शिवम झा और एक अज्ञात के खिलाफ फेज-1 थाने में केस दर्ज हुआ है। गाजियाबाद के इंदिरापुरम में मनीष कुमार शर्मा रहते हैं। उन्होंने 17 नवंबर 2013 को लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर के सेक्टर-137 ब्लासम काउंटी प्रोजेक्ट के टावर-एल में फ्लैट नंबर 1401 बुक कराया। इसके लिए दिसंबर 2013 को कंपनी के साथ फ्लैट बायर्स एग्रीमेंट साइन किया। यूनिट की कुल कीमत 54 लाख 44 हजार 610 रुपये थी। शर्त के अनुसार तीन साल में बिल्डर को फ्लैट पर कब्जा देना था। पीड़ित ने बुकिंग के दौरान यानी 13 नवंबर 2013 को बिल्डर के नाम तीन लाख 61 हजार का चेक दिया। इसके बाद 16 दिसंबर 2013 को 12 लाख 39 हजार का चेक दिया गया। भुगतान करने के लिए फ्लैट के कागज के आधार पर बैंक से 16 लाख 91 हजार रुपये का लोन भी लिया, जिसकी किस्त अब भी पीड़ित दे रहे हैं। बतौर लोन के लिए बिल्डर कंपनी और लोन देने वाली कंपनी के बीच ट्राइपेट समझौता भी किया गया। ऐसे में पीड़ित ने कुल 32 लाख 91 हजार रुपये का भुगतान बिल्डर को किया। एग्रीमेंट के तहत आधी रकम जमा करने पर बिल्डर को फ्लैट पर पजेशन देना था। बिल्डर ने 11 साल बीतने के बाद भी पीड़ित को फ्लैट पर कब्जा नहीं दिया, जबकि बिल्डर को वर्ष 2016 में कब्जा देना था। 23 मार्च 2023 को प्राधिकरण से पता चला कि ये फ्लैट किसी और को बेच दिया गया है। साथ ही, उस पर पजेशन भी दे दिया गया है। पीड़ित का आरोप है कि वह जब बिल्डर के सेक्टर-16 कॉरपोरेट ऑफिस गया तो वह भी बंद था। थाना प्रभारी निरीक्षक का कहना है कि जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
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