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क्षतिग्रस्त सीवर लाइन खुद ठीक कराएगा प्राधिकरण

नोएडा प्राधिकरण ने यूपी जल निगम के साथ अनुबंध समाप्त कर दिया है और अब वह खुद सीवर लाइन की मरम्मत करेगा। जल निगम ने अधिक बजट मांगा था, जिसे प्राधिकरण ने अस्वीकार कर दिया। इससे पूर्व सीवर लाइन के...

Newswrap हिन्दुस्तान, नोएडाMon, 5 May 2025 08:01 PM
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क्षतिग्रस्त सीवर लाइन खुद ठीक कराएगा प्राधिकरण

यूपी जल निगम के साथ अनुबंध समाप्त किया मुख्य सचिव की सहमति के बाद निर्णय लिया नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता । नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के किनारे करीब 20 किलोमीटर दायरे में जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो रखी सीवर लाइन को अब नोएडा प्राधिकरण खुद ठीक कराएगा। अभी तक यह काम यूपी जल निगम को कराना था। निगम ने इसके लिए अधिक बजट मांगा, इसे देने से प्राधिकरण ने इनकार कर दिया। लाइन क्षतिग्रस्त होने से ओवरफ्लो होकर सड़कों पर गंदा पानी बहता है। जलभराव की समस्या भी होती है। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि सेक्टर-142 एडवेंट इमारत से लेकर सेक्टर-150 तक आने-जाने वाले दोनों तरफ के रास्तों पर यह लाइन क्षतिग्रस्त हो चुकी है।

यह मास्टर सीवर लाइन करीब 21 साल पहले 2004 में यूपी जल निगम ने डाली थी। नोएडा प्राधिकरण और जल निगम के अनुबंध के तहत लाइन ठीक की जानी थी। इसके लिए वर्ष 2022 मे निगम ने पहले 70 करोड़ और फिर अंत में 65 करोड़ रुपये मांगे। इतना अधिक बजट देने से प्राधिकरण ने साफ इनकार कर दिया। हाल ही में यूपी के मुख्य सचिव और नोएडा-ग्रेनो प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह के समक्ष यह मामला रखा गया। मुख्य सचिव की सहमति के बाद निर्णय लिया गया कि इसको प्राधिकरण खुद कराएगा। इसके साथ ही यूपी जल निगम से हो रखे अनुबंध को भी समाप्त कर दिया है। नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक आरपी सिंह ने बताया कि अब सीवर लाइन को प्राधिकरण खुद ठीक करवाएगा। उन्होंने बताया कि अभी तक खर्चे का सटीक आंकलन नहीं हुआ है लेकिन करीब 40 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। काम कराने के लिए टेंडर तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उम्मीद है कि जून अंत तक टेंडर जारी कर दिया जाएगा। काम शुरू होने पर पूरा होने में 10 से 12 महीने का समय लगेगा। ---------------- एक्सप्रेसेव के आसपास कई सोसाइटी, इंडस्ट्री पिछले कुछ सालों में नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे के किनारे दर्जनों हाउसिंग सोसाइटी और सेक्टर बसें हैं। इनमें लाखों लोग रह रहे हैं। इसके अलावा औद्योगिक कंपनियां और मॉल भी लगातार खुलते जा रहे हैं। अलग-अलग ऑफिस और नामी स्कूल भी खुल चुके हैं। इन सभी का सीवेज का पानी इसी मास्टर सीवर लाइन में जाता है। इसके कुछ-कुछ हिस्सों में क्षतिग्रस्त होने से संबंधित स्थानों पर रहने वाले लोगों को भी काफी समस्या हो रही है।

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