डीएनडी पर लगे विज्ञापनों की जांच होगी
-नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने आदेश जारी किए -खाली जमीन के सर्वेक्षण की प्रक्रिया

नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता। डीएनडी पर जगह-जगह लगे विज्ञापन की जांच होगी। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने अवैध रूप से विज्ञापन लगे होने की शिकायतें मिलने पर जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, डीएनडी पर खाली पड़ी जमीन के सर्वेक्षण की प्रक्रिया बुधवार से प्राधिकरण ने शुरू कर दी है। डीएनडी पर विभिन्न कंपनियों के होर्डिंग लगे हैं। बताया जाता है कि यहां विज्ञापन की आड़ में करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान प्राधिकरण को हो रहा है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो विज्ञापन कंपनी को प्रति माह करीब 28 लाख रुपये प्राधिकरण को देने होते थे। इसमें साठगांठ करके महज प्रति माह 22 से 25 लाख रुपये ही प्राधिकरण के खाते में जमा कराए जाते रहे। वहीं, प्राधिकरण के बाह्य विज्ञापन बॉयलॉज के तहत यहां छोटे पोल पर विज्ञापन नहीं किए जा सकते।
डीएनडी मामले में बीते साल दिसंबर में उच्चतम न्यायालय का फैसला आया था। न्यायायलय ने यहां पर टोल नहीं वसूलने के उच्च न्यायालय का आदेश बरकरार रखते हुए प्राधिकरण का टोल ब्रिज और आईएल एंड एफएस के साथ परियोजना को लेकर हुए करार को सही नहीं माना था। परियोजना को लेकर वर्ष 2016 से उच्चतम न्यायालय में केस चल रहा था। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद से ही डीएनडी पर टोल वसूली बंद हो गई थी। प्राधिकरण की तरफ से डीएनडी को इस परियोजना के लिए 454 एकड़ जमीन दी गई थी। इसमें करीब 124 एकड़ जमीन का उपयोग हुआ। इस मामले में प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि परियोजना के लिए कितनी जमीन दी गई थी और अभी मौके पर कितनी खाली बची हुई है, इसके लिए सर्वेक्षण करवाया जाएगा। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने बताया कि डीएनडी पर जगह-जगह लगे विज्ञापन से संबंधित मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।
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