बुजुर्ग का काम नहीं करने पर कर्मचारियों को 20 मिनट तक खड़े रहने की मिली सजा
-नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने दी सजा -सीईओ की तरफ से मैसेज भेजने के बाद
नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता। प्राधिकरण के आवासीय भूखंड विभाग के कर्मचारियों को काफी देर तक खड़े रखने के बावजूद एक बुजुर्ग आवंटी का काम नहीं करना महंगा पड़ गया। सीसीटीवी कैमरों से देख रहे नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को यह बात नागवार गुजरी। सीईओ ने मौके पर पहुंच विभाग के कर्मचारियों को 20 मिनट तक खड़े रहने की सजा सुनाई। नोएडा प्राधिकरण में जगह-जगह 65 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। ये कैमरे हर विभाग के अलावा आने-जाने वाले रास्तों पर भी लगे हुए हैं। इन कैमरों का कंट्रोल रूम का सेटअप प्राधिकरण के सीईओ के कमरे में है। इसके जरिए वह प्राधिकरण के अलग-अलग विभाग पर नजर रखते हैं। रोजाना की तरह सीईओ सोमवार को भी कैमरों के जरिए प्राधिकरण का हाल देख रहे थे। उनकी आवासीय भूखंड विभाग पर नजर गई तो देखा एक बुजुर्ग सरदार एक महिला बाबू के सामने काम के संबंध में खड़े हैं। सीईओ ने अपने कर्मचारियों से विभाग में संदेश भेजा कि इनका काम कर दिया। अगर नहीं हो सकता है तो अनावश्यक रूप से खड़ा न रखा जाए। आवंटी का टीएम से संबंधित काम था। इसके बाद सीईओ अपने अन्य काम में लग गए। करीब 15-20 मिनट बाद सीईओ की नजर फिर से उसी विभाग पर गई। सामने आया कि बुजुर्ग आवंटी वहीं खड़ा था। इससे गुस्साए सीईओ करीब साढ़े ग्यारह बजे खुद ही विभाग में जा पहुंचे। उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों-कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई। विभाग में काम कर रहे सभी बाबुओं को करीब 20 मिनट तक खड़े रहने की सजा दी। सीईओ के आदेश की वजह से सभी बाबू तय समय तक अपनी सीट पर खड़े रहे।
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आवासीय भूखंड और आवासीय विभाग की सबसे ज्यादा शिकायतें
सीईओ के समक्ष सामने आए इस प्रकरण के अलावा भी आए दिन बाबुओं के काम नहीं करने के कई अन्य मामले लगातार अधिकारियों तक पहुंचते हैं। सबसे ज्यादा शिकायतें आवासीय भूखंड और मकान से संबंधित आवासीय विभाग की आती हैं। इन विभागों में सुविधा शुल्क नहीं देने वाले आवंटियों को कोई न कोई कागजात की कमी बताकर कई चक्कर कटवाए जाते हैं। तीसरे नंबर पर नियोजन विभाग में लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यहां पांच प्रतिशत के भूखंड लगवाने, आवेदन करने के बावजूद काफी दिनों तक नक्शा पास नहीं होने समेत अन्य समस्याओं से लोगों को जूझना पड़ता है।
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कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर आम लोगों के काम करने ही होंगे। अगर कोई काम होने लायक नहीं है तो आवंटी को ठीक ढंग से बताया जाए, अनावश्यक रूप से परेशान नहीं किया जाए। लोगों को परेशान करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. लोकेश एम, सीईओ, नोएडा प्राधिकरण
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