विभागों के बीच तालमेल न होने से विकास कार्यों की रफ्तार धीमी
फरीदाबाद में सरकारी विभागों के बीच तालमेल न होने के कारण विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। जिला लोक संपर्क समिति की बैठक में शिकायतकर्ता ने फैक्टरियों से निकलने वाले सीवर के समाधान की मांग की। टावर...

फरीदाबाद। सरकारी विभागों के बीच तालमेल न होने के कारण विकास कार्य रफ्तार नहीं पकड़ पा रहे हैं। विभागीय अधिकारियों में तालमेल का अभाव का नजारा सोमवार को जिला सेक्टर-12 स्थित प्रियदर्शिनी सभागार में आयोजित जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक में भी देखने को मिला। झाड़सेंतली गांव निवासी धर्म सिंह डागर ने सेक्टर-58 में फैक्टरियों से निकल रहे सीवर के समाधान की मांग रखी थी। उन्होंने बताया कि फैक्टरियों से निकल रहे केमिकल युक्त पानी को सीकरी रजवाहे और सीवर लाइन में डाला जा रहा है। सीवर लाइन जाम होने पर यह पानी गांव के स्कूल तक पहुंच जाता है।
सेक्टर-58 के बिजलीघर के पास भी पानी जमा है। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यहां पर कार्रवाई नहीं कर रहा है। वहीं एफएमडीए, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण भी यहां पर सीवर की निकासी का समाधान नहीं कर पा रहे हैं। इस पर मामलों की सुनवाई कर रहे उद्योग मंत्री राव नरवीर सिंह ने एफएमडीए के अधिकारी से पूछा तो उन्होंने कहा कि इसमें कुछ काम नगर निगम प्रशासन का भी बनता है। इस दौरान शिकायतकर्ता ने कहा कि इस मामले में नगर निगम की कॉलोनियों का भी पानी आ रहा है। इस दौरान उन्होंने उपरोक्त विभागों के अलावा सिंचाई विभाग और एचएचएआई सहित अधिकारियों को भी कमेटी में शामिल करने की मांग की। इस दौरान एफएमडीए के मुख्य अभियंता ने इस मामले में अपनी बात रखते हुए सुझाव दिया कि सभी विभागों के तालमेल के लिए बैठक होनी चाहिए। शिकायकर्ता ने बताया कि यहमामला गत वर्ष से ही चल रहा है। यदि विभागों के बीच तालमेल हो तो इस समस्या का समाधान कब का हो चुका होता। -- विभागों के बीच तालमेल न होने से टावर नहीं हट पा रहा ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर-75-76 के मास्टर रोड के बीचों-बीच लगे टावर को हटाने का मामला भी विभागों के बीच तालमेल न होने के कारण लटका हुआ है। इसमें पावर ग्रिड, एफएमडीए, टाउन एंडी कंट्री प्लानिंग और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण हैं। वर्ष 2016 से इस टावर को हटाने की कवायद चल रही है। लेकिन, विभागीय अधिकारियों के ढुलमुल रवैये क कारण इस टावर को हटाने के लिए टेंडर नहीं लग पाया है। बैठक में सुनवाई के दौरान पावर ग्रिड के अधिकारियों ने बताया कि इसका सर्वे भी हो चुका है। लेकिन, अब यहां जमीन नहीं बची है। यहां पर मोनोपोल लगाया जा सकता है। इसमें काफी खर्च होगा। इस पर मंत्री ने इस मामले को उपायुक्त विक्रम सिंह को देखने का आदेश दिया। वहीं टावर को हटाने की कार्रवाई शुरू करने के लिए भी कहा। अधिकारियों के तालमेल की पोल खुलते देख अधिकारी और वहां मौजूद लोग ठहाका लगाते भी दिखे। पेयजल के मुद्दे पर एफएमडीए और नगर निगम एक-दूसरे के सामने आए इस बैठक में जब संजय कॉलोनी में पेयजल किल्लत का मसला उठा तो नगर निगम और एफएमडीए ने एक-दूसरे की जिम्मेदारी बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया। इस पर मंत्री को कहना पड़ा कि इस मामले में दोनों विभाग के अधिकारी मिलकर काम करें और किसी भी तरह यहां पर रेनीवेल का पानी उपलब्ध करवाएं।
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