ठगी का शिकार कर्ज लेकर इलाज करा रहे
- नोएडा में पिछले दिनों कई ऐसे मामले सामने आए जिनमें ठगों ने ऑक्सीजन व
- नोएडा में पिछले दिनों कई ऐसे मामले सामने आए जिनमें ठगों ने ऑक्सीजन व रेमडेसिविर मुहैया कराने के नाम पर पीड़ितों व उनके परिजनों से हजारों रुपए ठगे
नोएडा। वरिष्ठ संवाददाता
ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन के नाम पर ठगी का शिकार हुए पीड़ित अब कर्ज में डूब गए हैं। ठगी का शिकार होने के बाद इन्होंने दोस्तों और रिश्तेदारों से कर्ज लेकर अपना उपचार कराया।
नोएडा एक्सटेंशन सेक्टर 1 स्थित स्टेलर जीवन सोसाइटी में प्रखर सक्सेना के पिता की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। 6 मई को प्रखर के पिता का ऑक्सीजन लेवल कम होने लगा तो उन्होंने व्हाट्सएप पर आए एक मोबाइल नंबर पर कॉल की। फोन एक युवक ने उठाया और उसने प्रखर से ऑक्सीजन देने के नाम पर 12 हजार रुपये ठग लिए, मगर उसने न तो पैसे वापस किए और न ही ऑक्सीजन दी। पिता की जान बचाने के लिए प्रखर को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। उन्होंने दोस्तों से कर्ज लेकर पिता का इलाज कराया। इसी तरह ठगों ने ग्रेटर नोएडा की गौर सिटी निवासी मयंक मिश्रा के साथ फर्जीवाड़ा किया। उनके दोस्त की माता कोरोना संक्रमित हो गई थी। महिला को डिस्चार्ज करने के दौरान डॉक्टरों ने परिजनों को सलाह दी थी कि वह घर पर भी ऑक्सीजन सिलेंडर मंगा लें। इस पर मयंक ने एक युवक से बात की। आरोपी ने ऑक्सीजन देने के नाम पर एडवांस में मयंक से 17 हजार रुपये ले लिए। इसके बाद अपना मोबाइल बंद कर दिया। आखिरकार उन्हें दोस्त की माता को शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। उनके दोस्त को माता के उपचार के लिए अपने रिश्तेदारों से ब्याज पर पैसे लेने पड़े।
कोरोना की वजह से थाने नहीं जा रहे पीड़ित
ठगी का शिकार हुए पीड़ितों के सामने और भी समस्या है। ठगी का शिकार होने के बाद भी वह कोरोना के डर से थाने नहीं जा रहे हैं। पीड़ितों का कहना है कि उपचार कराएं या थाने जाएं। ऐसे में पीड़ित के परिजन ही ऑनलाइन शिकायत दे रहें है। उनकी शिकायत पर कई दिनों बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। हालांकि पुलिस ठगी करने वालों पर नजर रख रही है। कई संदिग्ध सोशल मीडिया अकाउंट पुलिस की रडार पर हैं।
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