जेपी के चेयरमैन और निदेशकों के खिलाफ एफआईआर
जेपी ग्रुप, इनवेस्टर्स क्लीनिक और इंडियाबुल्स के नौ अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज की गई है। जिला न्यायालय ने इन लोगों पर धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक षड़यंत्र रचने के आरोप में कार्रवाई करने का आदेश दिया...
जेपी ग्रुप, इनवेस्टर्स क्लीनिक और इंडियाबुल्स के नौ अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज की गई है। जिला न्यायालय ने इन लोगों पर धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक षड़यंत्र रचने के आरोप में कार्रवाई करने का आदेश दिया था। एक्सप्रेस वे कोतवाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।
दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश में रहने वाले सुनील टांगरी के वकील डीके शर्मा ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में मुकदमा दायर किया गया था। सुनील से वर्ष 2011 में ईमेल करके प्रॉपर्टी डीलर हनी कटियाल ने संपर्क किया था। इसके बाद जेपी ग्रुप के अधिकारियों से बात कराई थी। यह विश्वास दिलाया कि नोएडा में फ्लैट बुक करवाने पर 42 महीने के भीतर समय पर फ्लैट मिल जाएगा। इसके बाद उन्होंने 56 लाख रुपये का फ्लैट बुक करा लिया था। मगर अब तक उन्हें फ्लैट नहीं मिला है। इस बारे में विरोध जताने के लिए बिल्डरों के कार्यालय पहुंचे। बाउंसरों ने उन्हें जबरन धक्का देकर कार्यालय से बाहर निकाल दिया। इसके बाद पुलिस में शिकायत की पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कोर्ट में दायर की याचिका
एडवोकेट डीके शर्मा ने बताया कि मजबूरन कोर्ट में याचिका दायर की। न्यायालय ने 31 अक्तूबर को एक्सप्रेस वे कोतवाली पुलिस को जेपी ग्रुप के चेयरमैन सुनील शर्मा, वाइस चेयरमैन पंकज गौड़, डायरेक्टर मनोज गौड़, रणविजय सिंह, सन्नी गौड़, राहुल कुमार, इंडियाबुल्स के नितिन त्यागी, इनवेस्टर्स क्लीनिक के हनी कटियाल और सन्नी कटियाल और पांच अज्ञात बाउंसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। एक्सप्रेस वे कोतवाली के एसएचओ ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच चल रही है।
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