शेयर बाजार में निवेश का झांसा देकर 26 लाख ऐंठे
-आरोपियों ने व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़कर पीड़ित को फंसाया नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता। साइबर
-आरोपियों ने व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़कर पीड़ित को फंसाया नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता। साइबर अपराधियों ने शेयर बाजार में निवेश कर मुनाफा कमाने का झांसा देकर एक व्यक्ति से 26 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित आइटी कंपनी का इंजीनियर बताया जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में कथित अलिशा और नरेश मिश्रा के खिलाफ केस दर्ज किया है। जिन खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर हुई है, पुलिस उन खातों की जानकारी एकत्र कर रही है।
साइबर क्राइम थाने में दी शिकायत में सेक्टर-45 निवासी अनामी पांडे ने बताया कि ठगों ने बीते साल अक्तूबर में एबाट वेल्थ मैनेजमेंट लिमिटेड कंपनी का स्टाफ बताकर उनसे संपर्क किया। कंपनी के सेबी में पंजीकृत होने का विश्वास दिलाने के लिए दस्तावेज भी भेजे। अनामी ने गूगल पर जब कंपनी के बारे में जानकारी जुटाई तो कंपनी सच में सेबी में रजिस्टर्ड मिली। इसके बाद 21 अक्टूबर 2024 को अलीशा नाम की युवती ने अनामी को एबाट स्टाक 181 नाम के व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ दिया। आठ नवंबर तक प्रशिक्षण देने के बाद शिकायतकर्ता को निवेश करने के लिए बोला गया। बताया गया कि निवेश कर वह तीन से पांच गुना तक मुनाफा कमा सकता है। इसके लिए कंपनी के ऐप एबीटी पर एक खाता खुलवाया गया। शुरुआत में छोटा-छोटा निवेश कराकर पीड़ित के बैंक खाते में रुपये भी ट्रांसफर किए ताकि उसका विश्वास जीता जा सके। एबीटी वीआईपी ग्रुप में 17 नवंबर को शिकायतकर्ता का मोबाइल नंबर यह कहकर जोड़ा गया कि पुराने ग्रुप में कुछ तकनीकी खामी आ गई है। अनामी ने 30 दिसंबर तक 16 लाख रुपये निवेश किए। उस समय ऐप में मुनाफे समेत 30 लाख रुपये बैलेंस दिखा रहा था। जब अनामी ने पूरी धनराशि निकालनी चाही तो ठगों ने तीन जनवरी 2025 को आरटीजीएस के माध्यम से कमीशन के तौर पर 10.06 लाख रुपये जमा कराए। अनामी ने पूरी धनराशि निकालने के लिए आवेदन किया तो ठगों ने समीक्षा होने की बात कहकर टरकाया। ठगों ने सात जनवरी को मैसेज भेजकर 8.05 लाख रुपये और जमा करने को बोला। इस बारे में अलीशा से बात की तो उसने सेबी की आवश्यकता के अनुरूप शेष धनराशि जमा करने पर जोर दिया। अनामी ने राशि जमा करने से मना किया तो ठगों ने संपर्क बंद कर दिया। जिन नंबरों से ठगों ने संपर्क किया था, वे भी बंद आने लगे। इससे बाद अनामी को अपने साथ ठगी होने का एहसास हुआ। पीड़ित ने साइबर हेल्पलाइन पोर्टल पर शिकायत की और फिर साइबर क्राइम थाने जाकर शिकायत दर्ज कराई।
ग्रुप में टिप्स भी दिए गए
जिस ग्रुप में शिकायतकर्ता को जोड़ा गया था, उसमें नरेश मिश्रा नाम के व्यक्ति खुद को प्रोफेसर बताकर ट्रेडिंग से जुड़े टिप्स डाल रहे थे। शेयर मार्केट और ट्रेडिंग के बारे में नरेश द्वारा रोजाना जानकारी दी जा रही थी। जिस ग्रुप में शिकायतकर्ता को जोड़ा गया, उसमें कई सदस्य पहले से ही जुड़े हुए थे जो निवेश पर मुनाफा होने का स्क्रीनशॉट डाल रहे थे। बाद में पता चला कि ग्रुप के जो सदस्य थे वे भी ठग गिरोह से ही थे। उनके द्वारा मुनाफे का स्क्रीनशॉट इसलिए डाले जा रहे था ताकि नए सदस्य को झांसे में लेकर निवेश कराया जा सके। प्रारंभिक चरण में तब शिकायतकर्ता को मुनाफा हुआ तो उसे लगा कि वह बिल्कुल सही ग्रुप में जुड़ गया है और उसने ठगों के कहने पर निवेश पर भी कर दिया। पीड़ित का कहना है कि उसने ठगी में जो रकम गंवाई है, वह उसकी अबतक की पूरी जमा पूंजी थी।
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